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    बिहार चुनाव के चलते दिल्ली में श्रमिकों का गहराया संकट, शादियों और उद्योग संचालन पर दिख रहा असर

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 10:55 PM (IST)

    बिहार में चुनाव के कारण दिल्ली में श्रमिकों की कमी हो गई है, जिससे शादियों और उद्योगों पर बुरा असर पड़ रहा है। शादियों की तैयारियां अधूरी हैं और उद्योगों में उत्पादन धीमा हो गया है। श्रमिकों के अभाव में दिल्ली में कई काम अटक गए हैं।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव बहार लाए हुए हैं, लेकिन दिल्ली में उसके कारण न सिर्फ उद्योग-धंधे बल्कि शादियों के आयोजनों पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एक नवंबर से दिल्ली में विवाह का मौसम शुरू हो रहा है, जिसके लिए सभी बैंक्वेट, सामुदायिक हाल, बड़े होटल, फार्म हाउस समेत अन्य बड़े स्थान पहले से बुक है।

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    कारोबारी संगठनों के फेडरेशन कैट ने दिल्ली में 14 दिसंबर तक चलने वाले विवाह के इस मौसम में 4.8 लाख शादियों के आयोजन का अनुमान जताया है, लेकिन विवाह आयोजन से जुड़ी कंपनियों को अब श्रमिकों की भारी अनुपलब्धता से गुजरना पड़ रहा है क्योंकि विधानसभा चुनाव के चलते अधिकतर श्रमिक बिहार पहुंच चुके हैं।

    विवाह उत्सव के आयोजन से जुड़ी इंवेंट कंपनियों के अनुसार, एक विवाह में कम से कम 100 से 150 कर्मियों को रोजगार मिलता है। उसमें से 50 प्रतिशत से अधिक श्रमिक बिहार से होते हैं। कैटरिंग, टेंट, बैंड बाजा, लाइटिंग, फूल माला सजावट, पार्किंग, सामानों की ढुलाई व उतराई में बड़ी संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता होती है, जिनमें से बड़ी भागीदारी बिहार के श्रमिकों की होती है।

    एक इंवेट कंपनी वीथ्री के मालिक बंटी नारंग के अनुसार, बिहार चुनाव के चलते श्रमिकों की कमी आ रही है, जिससे श्रमिक खर्च बढ़ गया है। जो श्रमिक पहले एक हजार से 1200 रुपये में उपलब्ध हो जाते थे, वह इस बार 1800 रुपये तक में मिल रहे हैं। जबकि, कम्युनिटी वेलफेयर बैंक्वेट एसोसिएशन के प्रधान रमेश डांग के अनुसार, यह दिक्कत वहां ज्यादा आ रही है जहां पूरी तैयारियां अस्थाई है।

    उन्होंने बताया कि श्रमिकों की कमी पूर्वी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बंगाल के श्रमिक पूरे कर रहे हैं, लेकिन इस बार श्रमिक शुल्क अधिक है। उम्मीद है कि यह संकट 11 नवंबर को दूसरे व अंतिम चरण के मतदान तक में दूर हो जाएगा, जब मतदान के बाद श्रमिक लौटेंगे।

    शादियों के आयोजन को लेकर संकट नया है, लेकिन दिल्ली के बाजार व उद्योग जगत दीपावली से ही इस संकट से गुजर रहा है। छठ पूर्व से यह बढ़ गया है। स्थिति यह कि उद्योग के साथ बाजारों में श्रम बल आधा हो गया है, जिससे सामानों की उपलब्ध और पहुंचाने में देरी हो रही है।

    लघु उद्योग भारती, दिल्ली के उपाध्यक्ष मुकेश कुमार के अनुसार, बवाना स्थित उनके औद्योगिक इकाई में श्रम बल आधा रह गया है। दिल्ली के कुल औद्योगिक क्षेत्र में करीब 17-18 लाख श्रम बल होगा। अनुमान है कि इसमें से आधा बिहार चुनाव में छुट्टियों पर है।

    यही हाल बाजारों का है। फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश यादव के अनुसार, बाजार में श्रमिकों से लेकर कर्मचारी तक पर बिहार चुनाव का प्रभाव है। ऐसे में कामकाज प्रभावित हो रहा है। खासकर सामानों की डिलीवरी में एक से दो दिन की देरी हो रही है।

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