Move to Jagran APP

खोखले साबित हुए चुनावी वादे, गर्मी आते ही बूंद-बूंद पानी के लिए तरसे लोग

चुनावों के दौरान किए गए वादे अब खोखले साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि लोगों में पानी जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी न होने की वजह से रोष है।

By Amit MishraEdited By: Published: Sat, 28 Apr 2018 08:18 PM (IST)Updated: Sun, 29 Apr 2018 07:14 AM (IST)
खोखले साबित हुए चुनावी वादे, गर्मी आते ही बूंद-बूंद पानी के लिए तरसे लोग

नई दिल्ली [जेएनएन]। गर्मी की शुरुआत हो गई है और इसके साथ कई समस्याएं भी सामने आने लगी हैं। सबसे बड़ी समस्या पानी की किल्लत है। राजधानी के कई इलाकों में हर वर्ष की ही तरह पानी से जुड़ी परेशानियां मुंह बाए खड़ी हैं। कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में तो यह समस्या वर्षों से हैं, जिससे लोगों को छुटकारा नहीं मिल सका है। यहां के लोगों का पूरा समय पानी के जुगाड़ में बीत जाता है।

loksabha election banner

पेयजल आपूर्ति बड़ी समस्या

उत्तरी दिल्ली इलाके के किराड़ी, सुल्तानपुरी, बुराड़ी, मंगोलपुरी, शाहबाद डेरी, विजय विहार, जहांगीरपुरी समेत भलस्वा और बादली जैसे इलाकों में पानी की किल्लत से लोगों का सामना हो रहा है। नरेला, बवाना, नांगलोई व मुंडका जैसे इलाकों में भी पेयजल आपूर्ति बड़ी समस्या बन चुकी है। इसके निदान के लिए किए जाने वाले कार्य भी केवल खानापूर्ति ही साबित हो रहे हैं।

जनता को गुमराह करते हैं जनप्रतिनिधि

चुनावों के दौरान पानी से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के किए गए वादे अब खोखले साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि लोगों में पानी जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी न होने की वजह से रोष है। इसकी शिकायत करने पर जनप्रतिनिधि हर बार आश्वासन से काम चलाते हैं और झूठे वादे कर जनता को गुमराह करने का काम करते हैं।

दूषित और बदबूदार पानी 

दिल्ली सरकार की इस लापरवाही की वजह से लोगों का गर्मी में जीना मुहाल हो गया है। इलाके की कई कॉलोनियों में पानी की पाइपलाइन बिछाने के बाद भी लोगों के घरों में अब तक पानी नहीं पहुंचा है। दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके घरों में पानी तो आता है लेकिन वह पीने लायक नहीं होता। दूषित और बदबूदार पानी पीने की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं। इसके लिए लोगों को मजबूरन बाजार का पानी खरीदना पड़ता है, क्योंकि विकल्प के तौर पर पानी के टैंकर भी उनके घरों तक मुश्किल से ही पहुंच पाते हैं।

टैंकरों की कमी बड़ी समस्या है

किराड़ी में रहने वाली सुनीता कहती हैं कि आज भी टैंकरों की कमी बड़ी समस्या है। लंबी कतारें इसका प्रमाण हैं। लोग सुबह से रात तक पानी के इंतजार में होते हैं और फिर भी उन्हें पानी नहीं मिलता, क्योंकि आबादी के हिसाब से टैंकरों की संख्या पर्याप्त नहीं है। पानी की किल्लत तो यहां हमेशा से ही है। इसकी शिकायत करने पर इलाके के जनप्रतिनिधि कुछ महीनों में इसे ठीक करने की बात करते हैं, लेकिन कोई बदलाव नहीं होता। घरों में बड़े-बड़े बर्तन केवल पानी जमा करने के लिए रखते हैं। कई दिन तक रखे हुए पानी को पीना मजबूरी बन गई है।

विफल साबित हो रही है सरकार 

नरेला में रहने वाले सुधीर अग्रवाल ने कहा कि पानी की आपूर्ति हमेशा गड़बड़ होती है। टैंकर भी समय पर नहीं आते, शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं होती। पाइपलाइन बिछाने के बाद भी उसमें पानी की आपूर्ति नहीं होने की वजह अब तक समझ में नहीं आई। पानी जैसी बुनियादी जरूरत को पूरा करने में सरकार विफल साबित हो रही है। 

यह भी पढ़ें: राशि जारी होने के बाद भी नहीं शुरू हो सका सिग्नेचर ब्रिज का काम, ये है असली वजह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.