'तीन महीने में अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति करें...', दिल्ली HC का केंद्र सरकार को आदेश
दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति तीन महीने में करने का निर्देश दिया है। अदालत ने यह आदेश सय्यद मेहराज मियां की याचिका पर दिया, जिसमें दरगाह में सीसीटीवी कैमरे लगाने और कमेटी सदस्यों की नियुक्ति की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने दरगाह प्रशासन पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
-1762526785718.webp)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति तीन माह के भीतर की जाए। अदालत ने कहा कि कमेटी को यथाशीघ्र सक्रिय किया जाए ताकि दरगाह के प्रबंधन के कामकाज सुचारू रूप से चल सकें।
अदालत ने यह आदेश सय्यद मेहराज मियां की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान दिया। मेहराज मियां दरगाह के वंशानुगत खदीम हैं, जो अजमेर शरीफ दरगाह के दैनिक प्रबंधन और संचालन के लिए जिम्मेदार हैं। याचिका में उन्होंने दरगाह में सीसीटीवी कैमरे लगाने और कमेटी के सदस्यों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार से निर्देश देने की मांग की थी।
केंद्र सरकार ने अदालत को बताया कि अजमेर शरीफ दरगाह में लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरे केवल सार्वजनिक मार्ग और दरगाह तक पहुंचने वाले रास्तों पर नजर रखेंगे, जबकि दरगाह के पवित्र स्थल (संक्टम सैंक्टोरम) की कोई रिकार्डिंग नहीं होगी। सरकार ने कहा कि कैमरों का उद्देश्य केवल चोरी, हेराफेरी और पिकपाकेटिंग जैसी घटनाओं को रोकना है।
याचिका में खदीम ने वर्तमान दरगाह प्रशासन में वित्तीय गड़बड़ियों का हवाला दिया और कहा कि यह धार्मिक स्थल की छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं। अदालत ने केंद्र सरकार के बयान को रिकार्ड पर लेकर कमेटी की नियुक्ति के निर्देश दिए और याचिका को निस्तारित कर दिया। खदीम को यह स्वतंत्रता दी गई है कि यदि भविष्य में कोई नया कारण उत्पन्न होता है, तो वह नई याचिका दायर कर सकते हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।