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    दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- हत्या का आरोप साबित करने के लिए मकसद का सबूत जरूरी नहीं

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 10:26 AM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने 1998 के रिक्शा चालक हत्या मामले में दोषी की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि हत्या साबित करने के लिए मकसद का सबूत जरूरी नहीं। कोर्ट ने कहा कि अपराध में मकसद जरूरी नहीं, क्योंकि गंभीर अपराध अक्सर कमजोर कारणों से होते हैं। याची ने आजीवन कारावास की सजा को चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक हत्या के मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार की दोषसिद्धि और आजीवन कारावास को चुनौती देने वाली अपील याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 19 नवंबर को सुनवाई करेगा।

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    वहीं, शुक्रवार को अदालत ने जांच एजेंसी की अपील याचिका की सुनवाई 19 नवंबर तक स्थगित कर दी। 

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    ट्रायल कोर्ट ने 25 फरवरी को सज्जन कुमार को यह कहते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी कि दोषी की बढ़ती उम्र और बीमारी को देखते हुए उसे मृत्युदंड की बजाय कम सजा दी जानी चाहिए।