नवजात शिशु तस्करी रैकेट मामले में दो महिलाओं की जमानत रद, हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर उठाया सवाल
दिल्ली हाई कोर्ट ने बाल तस्करी रैकेट में शामिल दो महिलाओं की जमानत रद कर दी है। अदालत ने कहा कि नवजात शिशुओं का व्यापार एक गंभीर अपराध है जिसकी गहन जांच होनी चाहिए। यह भी कहा गया कि इस गिरोह में कई राज्यों के लोग शामिल हैं। निचली अदालत ने अपराध की गंभीरता को नहीं समझा था।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अंतर्राज्यीय बाल तस्करी रैकेट में शामिल दो महिलाओं को ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई जमानत को रद करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने टिप्पणी की कि नवजात शिशुओं के व्यापार से जुड़े अपराध की उच्चतम न्यायिक जांच की जरूरत होती है।
अदालत ने कहा कि यह एक सुनियोजित गिरोह था और जांच से पता चला है कि इसमें कई राज्यों के लोग शामिल हैं, जिसमें तस्करी करने से लेकर कूरियर करने वाले लोग हैं।
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अदालत ने उक्त टिप्पणी के साथ आरोपी पूजा और बिमला को जमानत देने वाले निचली अदालत के आदेश को रद कर दिया। साथ ही यह भी कहा कि सत्र न्यायालय ने अपराध की प्रकृति और गंभीरता व इसके व्यापक प्रभावों पर पर्याप्त रूप से विचार नहीं किया।

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