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    IndiGO को 900 करोड़ के रिफंड मामले में दिल्ली HC ने कस्टम विभाग से मांगा जवाब, दो सप्ताह में देना है जवाब

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 05:39 PM (IST)

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंडिगो के 900 करोड़ रुपये के रिफंड मामले में कस्टम विभाग से जवाब मांगा है। अदालत ने विभाग को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। उड़ानों के रद होने के कारण देशभर के एयरपोर्ट पर फैली अव्यवस्था के कारण सवालों के घेरे में आई IndiGO को चलाने वाली इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड ने 900 करोड़ से ज्यादा के रिफंड की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कस्टम विभाग से जवाब मांगा है।

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    न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव व न्यायमूर्ति विनोद कुमार की पीठ ने डिप्टी कमिश्नर (रिफंड), प्रिंसिपल कमिश्नर ऑफ कस्टम्स, एयर कार्गो काम्प्लेक्स (इंपोर्ट) के कार्यालय को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले पर अगली सुनवाई आठ अप्रैल 2026 को होगी।

    याचिका में इंडिगो ने विदेशों में मरम्मत के बाद भारत में दोबारा आयत किए गए एयरक्राफ्ट इंजन और पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी के तौर पर चुकाए गए 900 करोड़ से ज्यादा के रिफंड की मांग की है। इंटरग्लोब एविएशन ने याचिका में तर्क दिया है कि ऐसे दोबारा आयात पर कस्टम ड्यूटी लगाना गैर-कानूनी है और एक ही ट्रांजेक्शन पर डबल ड्यूटी लगाना है।

    याचिका में कहा गया कि यह मामला पहले कस्टम ट्रिब्यूनल ने सुलझा लिया था। ट्रिब्यूनल ने कहा था कि मरम्मत के बाद दोबारा आयात पर दोबारा कस्टम ड्यूटी नहीं लगाई जा सकती। हालांकि बाद में संबंधित छूट अधिसूचना में बदलाव किया गया और ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया कि यह बदलाव सिर्फ आगे से लागू होगा।

    इंडिगो ने हाई कोर्ट को बताया कि कस्टम ने बाद में माना था कि ऐसे दोबारा आयात पर दोबारा कस्टम ड्यूटी लगाना गैर-संवैधानिक है और अधिसूचना के संबंधित हिस्से को रद कर दिया।

    इसके बावजूद कस्टम अधिकारियों ने इंडिगो को एयरक्राफ्ट इंजन और दूसरे जरूरी पार्ट्स की क्लियरेंस के लिए ड्यूटी देने के लिए मजबूर किया। नतीजतन, एयरलाइन ने 4,000 से ज्यादा बिल आफ एंट्री पर विरोध के तहत ड्यूटी चुकाई, जिसकी रकम 900 करोड़ रुपये से ज्यादा थी।

    इंडिगो ने कहा कि जब उसने बाद में रिफंड क्लेम फाइल किया, तो कस्टम अधिकारियों ने यह कहते हुए रिफंड देने से इन्कार कर दिया कि एयरलाइन को पहले हर बिल आफ एंट्री का री-असेसमेंट करवाना होगा।

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