एएफएमएस संस्थानों में पीजी मेडिकल सीट के आवंटन मामले पर हुई सुनवाई, दिल्ली HC ने केंद्र से मांगा जवाब
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एएफएमएस संस्थानों में पीजी मेडिकल सीटों के आवंटन के मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने आवंटन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया है, जिससे योग्य उम्मीदवारों को नुकसान हो रहा है। अदालत ने केंद्र को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया है और अगली सुनवाई की तारीख तय की है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) संस्थानों में स्नातकोत्तर चिकित्सा सीटों के आवंटन से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका पर नोटिस जारी करते हुए अदालत ने मामले की सुनवाई सात नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
अधिवक्ता सत्यम सिंह राजपूत के माध्यम से दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं ने सीटों के असमान आवंटन को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया कि 210 सीटें प्रियारिटी-एक के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं जबकि शेष 207 सीटें अन्य प्रियारिटी श्रेणियों के लिए अप्रतिबंधित हैं।
याचिका में कहा गया कि 2025-28 के लिए एमडी/एमएस/डीएनबी पीजी प्रवेश हेतु सीट मैट्रिक्स से संबंधित है और इसमें प्रियाॅरिटी-एक (सेवारत एएफएमएस अधिकारी) के लिए 210 सीटें आरक्षित हैं, लेकिन शेष 207 सीटें प्रियारिटी-दो, तीन और चार (पूर्व सैनिक) और पांच (आम नागरिक) के लिए अप्रतिबंधित है।
याचिका में मांग की गई है कि याचिका के अंतिम निपटारे तक नीट-पीजी 2025 के अंतर्गत एएफएमएस संस्थानों में प्राथमिकता वाले विषयों के लिए चल रही काउंसलिंग और सीट आवंटन प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
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