आवारा कुत्तों को हटाने का विरोध करने वालों को राहत, FIR रद करने की मांग पर दिल्ली HC ने दिया अहम आदेश
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आवारा कुत्तों को हटाने का विरोध करने वालों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की मांग पर अंतरिम आदेश देते हुए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई पर रोक लगा दी है। अदालत ने पुलिस और पशु चिकित्सा विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वे सिर्फ कुत्तों को खाना खिला रहे थे, कोई अपराध नहीं किया। अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।

प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट सूचित किया है कि आवारा कुत्तों को बस्तियों से हटाने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध विरोध प्रदर्शन करने और असहमति व्यक्त करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। पुलिस ने न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा की पीठ को बताया कि जिन नौ व्यक्तियों के विरुद्ध 16 अगस्त को प्राथमिकी की गई थी, जांच में शामिल होने की शर्त पर उनके विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
अदालत ने पुलिस के बयान को रिकाॅर्ड पर लेते हुए प्राथमिकी रद करने की मांग वाली याचिकाओं पर पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने पुलिस को मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही मामले की सुनवाई दो फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।
याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि विरोध प्रदर्शन वास्तविक और वैध था और संविधान के तहत यह उनका मौलिक अधिकार है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उनका बेदाग रिकाॅर्ड है और उनका कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। उन्होंने कहा कि कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के लिए उन पर प्राथमिकी गई है ताकि उन्हें परेशान किया जा सके।
याचिका में कहा गया है कि उनका प्रदर्शन प्रतीकात्मक, मुद्दा-आधारित और अहिंसक था और इस दौरान किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने की कोई सूचना नहीं है। यह भी कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने से पहले अधिकारियों द्वारा कोई सार्वजनिक घोषणा, चेतावनी या सूचना नहीं दी गई थी।
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