दिल्ली HC ने महिला के पेट में रुई छोड़ने के मामले में FIR की रद, पीड़ित को अस्पताल ने दिया 14 लाख का मुआवजा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महिला के पेट में रुई छोड़ने के मामले में दर्ज एफआईआर को रद कर दिया है। अदालत ने यह फैसला अस्पताल द्वारा पीड़ित महिला को 14 ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आपराधिक चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाते हुए एक निजी अस्पताल और इसके वरिष्ठ गायनेकोलाॅजिस्ट के खिलाफ की गई प्राथमिकी को दिल्ली हाई काेर्ट ने रद कर दिया। दोनों पक्षों के बीच हुए आपसी समझौते के बाद न्यायमूर्ति अमित महाजन की पीठ ने कहा कि अधिक से अधिक इस मामले में सिविल जवाबदेही तय की जा सकती थी, लेकिन इसके लिए आपराधिक जवाबदेही की जरूरत नहीं थी।
पुलिस शहीद फंड में जमा करना होगा 25-25 हजार
द्वारका स्थित वेंकटेश्वर अस्पताल और चिकित्सक पर आरोप था कि एक महिला की सी-सेक्शन सर्जरी के दौरान उसके पेट में रुई छोड़ दिया गया था। अदालत ने याचिकाकर्ताओं को दिल्ली पुलिस शहीद फंड में 25-25 हजार रुपये जमा करने का निर्देश देते हुए प्राथमिकी रद कर दी।
दूसरी बड़ी सर्जरी की जरूरत पड़ी
दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के बाद अस्पताल प्रशासन व चिकित्सक ने प्राथमिकी रद करने की मांग की थी। महिला ने आरोप लगाया था कि सी-सेक्शन के दौरान उसके पेट में रुई छोड़ दिया गया था और इससे उसे गंभीर इन्फेक्शन हुआ और उन्हें दूसरे अस्पताल में दूसरी बड़ी सर्जरी की जरूरत पड़ी। सुनवाई के दौरान मरीज ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने उसे मुआवजे के रूप में 14 लाख रुपये दिया है और वह प्राथमिकी की कार्यवाही को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है।
'आपराधिक जवाबदेही नहीं तय हो सकती'
याचिका स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि अस्पताल और चिकित्सक के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे और वे दिल्ली मेडिकल काउंसिल की डिसिप्लिनरी कमिटी के सामने पेश हुए थे। कमिटी की चिकित्सकीय राय में नोट किया गया था कि ऑपरेशन के बाद सही मैनेजमेंट प्रोटोकाॅल का पालन किया गया था। पीठ ने कहा कि वरिष्ठ चिकित्सक ने एक आम समझदार चिकित्सक से उम्मीद की जाने वाली सावधानी नहीं बरती, लेकिन इस लापरवाही के लिए आपराधिक जवाबदेही नहीं तय हो सकती।

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