दिल्ली सरकार ने लिया बड़ा फैसला, कारोबार को रजिस्ट्रेशन के 21 वर्ष बाद नवीनीकरण की अनिवार्यता को किया खत्म
दिल्ली सरकार ने कारोबार के रजिस्ट्रेशन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। अब 21 साल बाद रजिस्ट्रेशन के नवीनीकरण की जरूरत नहीं होगी। इस निर्णय से पुराने वाहन मालिकों को राहत मिलेगी। सरकार का मानना है कि इससे प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी, क्योंकि पुराने वाहन अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।
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दिल्ली सरकार ने पंजीकरण के नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। व्यावसायिक प्रक्रियाओं को अधिक सरल, सुगम व अनावश्यक औपचारिकताओं से मुक्त बनाने के लिए दिल्ली सरकार के श्रम मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम 1954 में (सेक्शन पांच) के अंतर्गत होने वाले पंजीकरण के नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है।
वर्तमान में इस अधिनियम में यह प्रावधान है कि पंजीकरण की तिथि से प्रत्येक 21 वर्ष बाद उसका नवीनीकरण करना अनिवार्य है। इस नवीनीकरण प्रणाली को हटाने का निर्णय व्यापारियों के लिए एक बड़ी राहत है। यह दिल्ली में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को मजबूत करेगा।
श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि इस निर्णय के चलते प्रक्रियाएं सरल होने से दिल्ली का व्यापारिक वातावरण और अधिक उद्यमी-अनुकूल बनेगा। दिल्ली सरकार का यह निर्णय पंजीकरण प्रक्रिया को वन-टाइम रजिस्ट्रेशन मॉडल की ओर ले जाएगा जिससे व्यापारियों को नवीनीकरण की झंझट से पूरी तरह मुक्ति मिलेगी। यह कदम राजधानी के व्यापार एवं सेवा क्षेत्र को और अधिक सशक्त बनाएगा।
यह भी उल्लेखनीय है कि उक्त अधिनियम के अंतर्गत दिल्ली में पंजीकरण की प्रक्रिया पहले से ही पूरी तरह ऑनलाइन है। इसमें कोई दस्तावेज़ जमा नहीं करना होता, न कोई शुल्क देना होता है और आवेदक द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर तुरंत पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाता है। पंजीकरण की यह व्यवस्था वर्ष 2009 से ऑनलाइन प्रभावी है।

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