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    'प्रदूषण पर अपनी जिम्मेदारी से बच रही है दिल्ली सरकार', सरकारी वकील के तर्क पर दिल्ली HC ने लगाई फटकार

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 07:30 PM (IST)

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने खराब वायु गुणवत्ता के दौरान आउटडोर खेलों के आयोजन पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार से पूछा कि क्या वह अगले साल से इस अवधि में मैचों की संख्या कम करने की योजना बना रही है। अदालत ने शिक्षा निदेशालय को परीक्षाओं के बाद खेल शुरू करने के निर्देश दिए। सरकार को चार सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।

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    Delhi High Court (3)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वायु गुणवत्ता खराब होने के दौरान आउटडोर खेलों के लिए टूर्नामेंट और ट्रायल आयोजित न करने का निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सवाल उठाया। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने कहा कि अदालत को यह कहते हुए बहुत दुख हो रहा है, लेकिन दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच रही है। यह सरकार के तर्क से यह स्पष्ट है।

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    अदालत ने सरकार की तरफ से पेश हुए वकील समीर वशिष्ठ से पूछा कि क्या आप मानते हैं कि नवंबर से जनवरी के महीनों में समस्या होती है और बच्चों को बाहरी गतिविधियों में शामिल नहीं किया जाना चाहिए?

    अदालत ने कहा कि दूसरा पहलू यह है कि क्या सरकार अगले साल से इस तरह की योजना बना रही है कि इस अवधि के दौरान न्यूनतम संख्या में मैच हों या कोई मैच न हो। अदालत ने कहा कि शिक्षा निदेशालय को परीक्षाओं के तुरंत बाद अपने खेल शुरू करने चाहिए।अदालत ने उक्त टिप्पणी तब की जब याचिकाकर्ता छात्रों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्येल त्रेहान ने अदालत को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बुधवार को पारित एक आदेश के बारे में बताया।

    इसमें वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से दिल्ली के स्कूलों को नवंबर से दिसंबर तक निर्धारित खेल और खेल प्रतियोगिताओं को वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद सुरक्षित महीनों तक स्थगित करने के निर्देश जारी करने पर विचार करने को कहा गया था।

    इस पर दिल्ली सरकार की ओर से पेश समीर वशिष्ठ ने तर्क दिया कि केवल कुछ ही खेल आउटडोर में खेले जाते हैं जबकि अधिकांश खेल इनडोर में खेले जाते हैं। इसके जवाब में श्येल त्रेहान ने कहा कि इस निर्देश को अगले वर्ष से लागू करने की मांग की जा रही है, तो दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि इस मामले पर विचार करना और उचित निर्देश पारित करना एसएफआईजी का काम है।

    सरकार के जवाब पर अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि दिल्ली सरकार को भी मैचों का कार्यक्रम उसी के अनुसार बनाना होगा।
    दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने शिक्षा निदेशालय (डीओई) और स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया गेम्स (एसएफजीआई) के माध्यम से दिल्ली सरकार से चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही मामले की सुनवाई 13 जनवरी 2026 के लिए सूचीबद्ध कर दी।

    11 स्कूली छात्रों ने याचिका दायर कर कहा कि नवंबर से जनवरी के महीनों के दौरान दिल्ली में खेल आयोजनों से बचना चाहिए, क्योंकि इस दौरान वायु गुणवत्ता गंभीर और खतरनाक होती है।

    याचिकाकर्ता न्यासा बेदी सहित अन्य छात्रों ने कहा कि प्रदूषण के समय में हर वर्ष प्राधिकारी क्षेत्रीय, अंतर-क्षेत्रीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के आउटडोर खेल आयोजन आयोजित करते रहते हैं और इसके कारण संवेदनशील समूह माने जाने वाले बच्चों को जहरीली हवा में खेलने को मजबूर होना पड़ता है। याचिका में कहा गया कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 और 21ए के तहत उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

    याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली सरकार और खेल प्राधिकरणों को एक वार्षिक खेल कैलेंडर तैयार करने और उसे लागू करने के निर्देश देने की मांग की है। याचिका में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अन्य अध्ययनों से प्राप्त विशेषज्ञ सामग्री के आधार पर चिकित्सीय जोखिमों को रेखांकित किया गया है।

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