दिल्ली का कुख्यात गैंगस्टर राशिद केबल वाला फिर से फरार, अजरबैजान की गिरफ्त से निकल अब पहुंचा इस नए देश
दिल्ली का कुख्यात गैंगस्टर राशिद केबल वाला, जो पहले अजरबैजान की गिरफ्त में था, अब वहां से फरार हो गया है। उसे भारत लाने की तैयारी की जा रही थी, इसी बीच वह चकमा देकर सबको मलेशिया में जा छुपा है। सुरक्षा एजेंसियां इसकी हर तरह से जांच कर रही हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में कई हत्याओं में शामिल कुख्यात भगोड़ा गैंग्स्टर राशिद केबल वाला अजरबैजान पुलिस को चकमा देकर वहां से मलेशिया भागने में कामयाब हो गया। पिछले माह इस्तांबुल से अजरबैजान आने पर उसे हिरासत में ले लिया गया था, लेकिन भारतीय व अजरबैजान की सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर संबंध न होने के कारण उसे प्रत्यर्पण पर भारत को नहीं सौंपा गया। भारतीय एजेंसियां अब उसे मलेशिया में हिरासत में लेने के लिए वहां की एजेंसियों के संपर्क में है।
यमुनापार का रहने वाला राशिद केबल वाला दिल्ली पुलिस की 'मोस्ट वांटेड' की सूची में से एक है। उसे बाकू के हैदर अलीयेव अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आव्रजन अधिकारियों ने उसके यात्रा दस्तावेज में विसंगतियों के कारण हिरासत में लिया था। लेकिन वहां के अधिकारियों ने उसे भारत को नहीं सौंपा। राशिद, तिहाड़ जेल में बंद यमुनापार के गैंग्स्टर हाशिम बाबा का करीबी सहयोगी है और उसके गिरोह के लिए काम करता है।
वह लारेंस बिश्नोई सिंडिकेट से भी जुड़ा हुआ है। पिछले साल सितंबर में ग्रेटर कैलाश-एक में होटेलियर व जिम संचालक नादिर शाह की हत्या में भी उसका नाम सामने आया था। पिछले साल दीवाली की रात पूर्वी दिल्ली में हुए दोहरे हत्याकांड में भी उसपर आरोप लगा था। पिछले साल दिसंबर में पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर में व्यवसायी सुनील जैन की हत्या में उसका नाम सामने आने के बाद केबल वाला दिल्ली पुलिस के लिए सबसे वांछित भगोड़ों में से एक बन गया। केबल वाला 2022 में दिल्ली छोड़ विदेश भाग गया था।
भारतीय एजेंसियों से बचने के लिए वह विदेश में भी लगातार ठिकाने बदल रहा है। केबल वाला ने दावा किया था कि सुनील जैन की हत्या पिछले साल अक्टूबर में इसी इलाके में हुई दो हत्याओं का 'बदला' थी, लेकिन उसने अपनी संलिप्तता से इन्कार करते हुए दावा किया था कि जैन निशाने पर नहीं था, बल्कि विराट नाम का एक व्यक्ति था, जिसकी हत्या की जानी थी।
सूत्रों के मुताबिक, हाशिम बाबा और केबल वाला का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। उसने पहली बार 2013 में अपने पूर्व सहयोगी नासिर के साथ एक अंतिम संस्कार के दौरान अकील मामा की हत्या कर सुर्खी में आया था। नासिर के जेल जाने के बाद, हाशिम बाबा और केबल वाला ने गिरोह को अपने हाथ में ले लिया था।
हालांकि, बाद में दोनों अलग हो गए और अपना गिरोह बना लिया। कई हत्याओं के मामलों में शामिल हिस्ट्रीशीटर केबल वाला पर 2018 में गिरफ्तारी से पहले एक लाख रुपये का इनाम था। उस समय, वह सऊदी अरब भागने की कोशिश में पकड़ा गया था। उसने रियाद में कपड़ों का व्यवसाय शुरू किया था और थाईलैंड में विस्तार कर रहा था। जांचकर्ताओं के अनुसार, यह व्यवसाय अवैध मनी लांड्रिंग का एक जरिया था।
2019 में क्राइम ब्रांच ने उस पर मकोका लगा दिया। 2020 में, उसे स्पेशल सेल ने फिर से गिरफ्तार किया। लेकिन उसके बाद वह 2022 की शुरुआत में फर्जी पासपोर्ट के जरिए दिल्ली से भागने में कामयाब हो गया।
इससे पहले एफबीआई की मदद से गोगी गिरोह के कुख्यात गैंगस्टर दीपक बाक्सर को मेक्सिको में गिरफ्तार किया गया था और बाद में पांच अप्रैल, 2023 को इस्तांबुल के रास्ते भारत वापस लाया गया था। फर्जी पासपोर्ट पर मेक्सिको में घुसा दीपक बाक्सर मेक्सिको से भी भागने की योजना बना रहा था।

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