'पत्नी को गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार'...फेमिली कोर्ट का आदेश-पति देगा 5 लाख मासिक भरण-पोषण
पटियाला हाउस स्थित पारिवारिक अदालत ने पति को पत्नी को गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के लिए पांच लाख रुपये मासिक अंतरिम भरण-पोषण देने का आदेश दिया है। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित पारिवारिक अदालत ने पति को पत्नी काे गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के लिए पांच लाख रुपये मासिक अंतरिम भरण-पोषण देने का आदेश दिया है। अदालत ने पति के रवैये पर भी कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि पत्नी का भरण-पोषण केवल जीवित रहने तक सीमित नहीं है, बल्कि उसे गरिमा, सम्मान और वैसी ही सामाजिक स्थिति के साथ जीने का अधिकार है, जैसी वह पति के साथ रहकर जीती थी।
पारिवारिक अदालत के न्यायाधीश देवेंद्र कुमार गर्ग ने पति के इस तर्क कि पत्नी पढ़ी-लिखी और काबिल है, कमाने में सक्षम है, इसलिए भरण-पोषण की हकदार नहीं है, को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि कमाई की क्षमता और वास्तविक रोजगार दो अलग चीजें हैं और सक्षम पति अपनी वैवाहिक जिम्मेदारी से बच नहीं सकता और पत्नी को आर्थिक संकट में नहीं धकेल सकता।
अदालत ने यह भी नोट किया कि पति ने अपनी वास्तविक आय दिखाने के लिए बैंक स्टेटमेंट व टैक्स दस्तावेज देने से परहेज किया, जबकि वह दुबई में अच्छी आय का दावा करता रहा। इससे अदालत ने प्रतिकूल निष्कर्ष निकालते हुए उसकी आय का अनुमान लगाया।
पति ने ये भी दावा किया कि शादी केवल 13 माह चली और पत्नी ने बिना उचित कारण वैवाहिक घर छोड़ा। जिस पर कोर्ट ने कहा कि इससे उसकी वैधानिक जिम्मेदारी खत्म नहीं होती। कोर्ट ने पति का यह तर्क भी खारिज कर दिया गया कि दुबई का महंगा जीवन उसे भरण-पोषण देने से मुक्त कर देता है। अदालत ने पति की आय, जीवनशैली और किसी अन्य आश्रित के न होने को देखते हुए पांच लाख रुपये प्रति माह को उचित अंतरिम भरण-पोषण माना।

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