Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आग में जलीं जिंदगियां और सिस्टम में फंसी पहचान..., 18 दिन से इंतजार कर रहे स्वजन ने गृहमंत्री से लगाई गुहार

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 09:39 PM (IST)

    दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रखे चार शवों का अंतिम संस्कार पहचान न होने के कारण रुका हुआ है। डीएनए जांच के बाद भी रिपोर्ट का इंतजार है। सेंटर फॉर हाे ...और पढ़ें

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। सफदरजंग हाॅस्पिटल में रखे चार शवों का अंतिम संस्कार केवल इसलिए नहीं हो पा रहा है, क्योंकि एक पखवाड़े के बाद भी उनकी पहचान नहीं हो पाई है। डीएनए जांच भी कराई गई, पर उसकी रिपोर्ट भी अब तक नहीं मिल पाई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसे लेकर सेंटर फाॅर हाेलिस्टिक डेवलपमेंट ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर डीएनए रिपोर्ट जल्द उपलब्ध करने की अपील की है। अंतिम संस्कार के इंतजार में बीते 18 दिनों से बैठे परिवारों के मन:स्थिति का भी संस्था ने हवाला दिया।

    ज्ञात हो कि वसंत विहार स्थित कुली कैंप के पास बने शेल्टर होम में एक दिसंबर की रात शाॅर्ट-सर्किट से आग लग गई थी। घटना में 45 वर्षीय संतोष व 18 वर्षीय अर्जुन की मौत हो गई। कुसुमपुर में रहने वाले संतोष के भाई महेंद्र व पश्चिमी दिल्ली के डाबरी एक्सटेंशन में रहने वाले अर्जुन के पिता अशोक ने दोनों के मौत की पुष्टि भी की।

    शव इतने गंभीर रूप से जल चुके हैं कि पता ही नहीं चल पा रहा कि कौन सा संतोष का है और कौन सा अर्जुन का। पहचान के इस संकट के चलते शव परिवार को सौंपे नहीं जा सके। दो दिसंबर को दोनों शवों एवं परिवार के डीएनए सैंपल लिए गए और मिलान के लिए भेजे गए।

    तब से दोनों परिवार अंतिम संस्कार के लिए डीएनए रिपोर्ट के इंतजार में है। महेंद्र व अशोक की ओर से सेंटर फाॅर हाेलिस्टिक डेवलपमेंट संस्था ने गृहमंत्री अमित शाह समेत मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता व उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिखा है।

    दो शवों पर तीन परिवारों का दावा

    तिगड़ी एक्सटेंशन के बी ब्लाक में 29 नवंबर की रात चार मंजिला मकान में आग लग गई थी। घटना में चार लोगों की मौत हुई थी। दो शवों की पहचान 38 वर्षीय सत्येंद्र उर्फ जिमी व 38 वर्षीय किराएदार अनीता के रूप में हुई। जबकि बाकी के दो शवों की पहचान नहीं हो पायी थी।

    इन पर दावे के लिए नजफगढ़ में तेजपुर रोड स्थित डिफेंस कालोनी के तीन परिवारों ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस के मुताबिक डिफेंस काॅलोनी के रामदीन, मंगलो और महेंद्र 29 नवंबर की शाम तिगड़ी एक्सटेंशन में थे। तीनों सत्येंद्र उर्फ जिमी (मृतक) की दुकान पर जूते खरीदने पहुंचे थे।

    जब आग लगी तो इनमें से दो की आग में गंभीर रूप से जलने से मौत हो गई, जबकि एक बच निकला था, जिसने पुलिस या अपने परिवार से अब तक संपर्क नहीं किया। इसके चलते पुलिस और परिवार दुविधा में है कि बचा कौन और घटना में किन दो की मौत हुई। तीन दिसंबर को दोनों शवों और तीनों परिवार के डीएनए सैंपल लेकर मिलान के लिए भेजा गया। इसकी रिपोर्ट भी लंबित है।

    यह भी पढ़ें- सीरियल याचिकाकर्ता पर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, अवैध निर्माण की याचिका पर लगाया 50 हजार का जुर्माना