सीरियल याचिकाकर्ता पर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त, अवैध निर्माण की याचिका पर लगाया 50 हजार का जुर्माना
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक सीरियल याचिकाकर्ता पर सख्ती दिखाते हुए अवैध निर्माण की याचिका पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अदालत ने याचिकाकर्ता क ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अवैध निर्माण के संबंध में कई याचिकाएं दायर करने वाले याची को सीरियल याचिकाकर्ता करार देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने उस पर 50,000 का जुर्माना लगाया है।
अलग-अलग संपत्ति में अवैध निर्माण का आरोप
याचिकाकर्ता हरदीप सिंह हंसपाल की याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने रिकाॅर्ड पर लिया कि याचिकाकर्ता द्वारा दायर की गई पांचवीं याचिका थी और इसमें अलग-अलग संपत्ति में अवैध निर्माण का आरोप लगाया गया था, जबकि इससे उसका सीधा संबंध नहीं था। पीठ ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता इस तरह की कई याचिकाएं दायर करता रहा है, लेकिन बाद में मामले को आगे नहीं बढ़ाता।
ऐसी किसी भी याचिका पर विचार नहीं : कोर्ट
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा याचिकाओं को दायर करने के बाद याचिकाकर्ता द्वारा इस आधार पर जोर नहीं दिया जाता है कि उक्त संपत्ति के मालिकों व किरायेदारों ने खुद ही अवैध निर्माण को हटाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। पीठ ने कहा कि याचिकाएं दायर करने का इरादा और मकसद नेक होना चाहिए। किसी भी छिपे हुए एजेंडे या अपने स्वार्थ के लिए याचिका दायर नहीं की जा सकती है। यह कोर्ट ऐसी किसी भी याचिका पर विचार नहीं करेगा, जो बाहरी या स्वार्थी उद्देश्यों के लिए दायर की गई हो।
रोहिणी सेक्टर-15 में अवैध निर्माण का मामला
पीठ ने याची पर 50,000 का जुर्माना लगाते हुए उक्त धनराशि चार सप्ताह के अंदर दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के खाते में जमा कराने का निर्देश दिया। साथ ही दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया। याचिकाकर्ता ने रोहिणी सेक्टर-15 में अवैध निर्माण होने के खिलाफ दायर याचिका दायर की थी।

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