दिल्ली में EV तो ले लेंगे, लेकिन चार्ज कहां करेंगे? प्रदूषण से जंग में 27 हजार चार्जिंग स्टेशनों की कमी
दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए चार्जिंग स्टेशनों की कमी एक बड़ी समस्या है। वर्तमान में, दिल्ली में आवश्यक 36,150 चार्जिंग स्टेशनों के मुकाब ...और पढ़ें
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नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। वायु प्रदूषणों की जंग में बड़े हथियार के रूप में देखे जा रहे इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) को 'करंट' नहीं मिल पा रहा है। इस मुहिम में चार्जिंग स्टेशनों की कमी बड़ी बाधा बनी हुई है। स्थिति यह कि मौजूदा वक्त में दिल्ली में दौड़ते वाहनों के लिए जितने चार्जिंग स्टेशन या प्वाइंट होने चाहिए, उसमें 25 प्रतिशत भी दिल्ली की सड़कों पर नहीं है।
हाल ही में दिल्ली सरकार ने नई ईवी नीति लाने की घोषणा की है, जिसमें ईवी की खरीद पर बड़े स्तर पर सब्सिडी देने की घोषणा है। माना जा रहा है कि इस नीति के लागू होने के बाद दिल्ली वाले डीजल या पेट्रोल के वाहनों की तुलना में ईवी को खरीदने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाएंगे, लेकिन दिल्ली वालों की चिंता और है।
ईवी वाहन मालिक रवि जैन के अनुसार, यह उतनी आरामदेह व्यवस्था नहीं है, क्योंकि दिल्ली की सड़कों पर इसकी भारी कमी है। साथ ही जहां है, वह अक्सर खराब पड़े रहते हैं। चार्जिंग के लिए जाने वाले वाहनों की सहायता के लिए वहां कोई कर्मी तैनात नहीं रहता है।
मौजूदा समय में दिल्ली में कुल 8,849 है, जो पार्किंग स्थल, माल, सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए हैं। जबकि, दिल्ली सरकार के वार्षिक कार्ययोजना 2026 के अनुसार, वर्तमान में दौड़ते ईवी वाहनों के अनुपात में चार्जिंग स्टेशनों की कुल आवश्यकता 36,150 की है।
ऐसे में उपलब्ध व आवश्यकता में अंतर 27,301 चार्जिंग स्टेशनों का है। ऐसे में विशेषज्ञ इस कमी को बड़ी बाधा बता रहे हैं। उसमें भी स्थिति यह कि अधिकतर खराब पड़े रहते हैं।
कनाॅट प्लेस में ही कई चार्जिंग प्वाइंट एक वर्ष से भी अधिक समय से खराब पड़े हुए हैं। निरीक्षण के दौरान कनाट प्लेस के ब्लाक सी, डी, ई व एम में लगाए गए चार्जिंग प्वाइंट उपयोग में नहीं स्थिति में मिले। ये प्वाइंट पार्किंग स्थलों में किनारे लगाए गए हैं।
विभिन्न पार्किंग स्थलों के संचालकों ने बताया कि ये चार्जिंग प्वाइंट किसी काम के नहीं है। एक वर्ष से भी अधिक वक्त से उपयोग में नहीं है। एक प्वाइंट तो कूड़ा रखने का स्थान प्रतीत हो रहा था। इसी तरह, की स्थिति दिल्ली के अन्य स्थानों पर लगाए गए चार्जिंग स्टेशनों या प्वाइंट की है।
वहीं, इस संबंध में पूछे जाने पर एनडीएमसी के एक अधिकारी ने सफाई देते हुए कहा कि इसके इस्तेमाल को लेकर अभी वाहन मालिकों में जागरूकता की कमी है, जिसके चलते ये कभी-कभी मरम्मत की स्थिति में चले जाते हैं। जिन्हें ठीक कर फिर उपयोग लायक बनाया जाता है।

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