Delhi Drug Trafficking: दिल्ली में तीन साल में तीन गुने हो गए हॉटस्पॉट, 2027 तक ड्रग्स मुक्त करने का है लक्ष्य
दिल्ली पुलिस ने 2027 तक दिल्ली को नशा मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। पिछले तीन वर्षों में ड्रग्स तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। 2022 में 62 ड्रग्स हॉटस्पॉट थे, जो 2025 में बढ़कर 179 हो गए। पुलिस ने करोड़ों रुपये की ड्रग्स जब्त की और नष्ट की है। तस्कर डार्क वेब का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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दिल्ली पुलिस ने राजधानी को 2027 तक ड्रग्स मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है।
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। नशा मुक्त भारत अभियान के तहत दिल्ली पुलिस ने आगामी 2027 तक दिल्ली को ड्रग्स मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत क्राइम ब्रांच समेत पूरी दिल्ली पुलिस तीन साल से अभियान चलाकर लगातार ड्रग्स तस्करों की धर पकड़ कर और उनके कब्जे से ड्रग्स बरामद करने में जुटी हुई है। लाख सख्ती के बावजूद जिस तेजी से तस्करों के जाल फैलते जा रहे हैं उससे तय लक्ष्य तक दिल्ली को पूरी तरह नशा मुक्त कर पाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।
सन 2022 में दिल्ली में ड्रग्स बेचे जाने के जहां कुल 62 हाटस्पाट थे, 2025 में इसकी संख्या बढ़कर 179 यानी तीन गुने हो गए हैं। हालांकि इसके पीछे पुलिस का दावा है कि इस साल किए गए ताजा सर्वे में दिल्ली के उन छोटे-छोेटे पाकेटों को भी शामिल किया गया है जहां गत वर्षों में चोरी छिपे ड्रग्स बेजे जाने लगे थे। ये नए हाटस्पाट बन रहे थे। प्रभावी तरीके से कार्रवाई करने व नजर रखने के मकसद से उन्हें भी चिन्हित कर लिए गए। इसलिए हाटस्पाट की संख्या बढ़ी है।
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों को देखा जाए तो इस साल दस माह में दिल्ली पुलिस ने ड्रग्स तस्करी के कुल 1915 मुकदमे दर्ज किए हैं। इन मामलों में 2498 तस्करों काे गिरफ्तार किया गया है। पिछले तीन साल से दिल्ली पुलिस ने बरामद ड्रग्स को जलाकर नष्ट करने का निर्णय किया, इसके तहत तीन साल में अब तक आठ बार में दिल्ली पुलिस ने भारी मात्रा बरामद विभिन्न तरह के ड्रग्स को जलाकर नष्ट करने का काम किया।
इसके तहत 46,514.691किलो विभिन्न तरह के ड्रग्स को जलाकर नष्ट किया गया,जिसकी अनुमानित कीमत पुलिस ने 13,829.25 करोड़ होने का दावा किया गया है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि पहले दिल्ली पुलिस की सभी यूनिट व जिला पुलिस ड्रग्स तस्करों के खिलाफ अलग-अलग रूप में कार्रवाई करती थी।
पिछले कुछ सालों में गृह मंत्रालय के निर्देश पर कई बार ऐसा देखा गया जब पूरी दिल्ली आपस में बेहतर समन्वय बनाकर 24 घंटे तक पूरी दिल्ली में एक साथ ड्रग्स तस्करों के सभी संभावित ठिकाने पर छापेमारी की। इस दौरान बड़ी संख्या में ड्रग्स तस्कर पकड़े गए और उनके कब्जे से भारी मात्रा में विभिन्न तरह की ड्रग्स जब्त की गई।
एनडीपीएस मामलों के विवरण वर्ष 2022-2025
| वर्ष | कुल मुकदमे | कुल गिरफ्तारियाँ |
|---|---|---|
| 2022 | 1,179 | 1,499 |
| 2023 | 1,325 | 1,736 |
| 2024 | 1,789 | 2,290 |
| 2025 (जनवरी से 31 अक्टूबर तक) | 1,915 | 2,498 |
| जिला | हॉटस्पॉट की संख्या |
|---|---|
| बाहरी-उत्तरी | 8 |
| रोहिणी | 9 |
| उत्तर-पश्चिम | 6 |
| उत्तरी | 6 |
| मध्य | 8 |
| पूर्वी | 8 |
| शाहदरा | 10 |
| उत्तर-पूर्वी | 14 |
| नई दिल्ली | 1 |
| दक्षिण-पश्चिम | 10 |
| बाहरी | 10 |
| पश्चिमी | 12 |
| द्वारका | 10 |
| दक्षिण | 10 |
| दक्षिण-पूर्वी | 14 |
| वर्ष | चरस (किग्रा) | ओपियम (किग्रा) | गाँजा (किग्रा) | हेरोइन (किग्रा) | कोकेन (किग्रा) | ब्यूप्रेनॉर्फिन | अल्प्रोजोलम | ट्रामाडोल |
|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
| 2022 | 77.59 | 69.65 | 4,643.49 | 155.34 | 2.98 | 269 इंजेक्शन 104 टेबलेट | 2,17,010 टेबलेट | 1,35,600 टेबलेट |
| 2023 | 77.370 | 381.321 | 3,480.946 | 65.267 | 15.31 | 75 इंजेक्शन 670 टेबलेट | 88,800 टेबलेट | 4,20,130 टेबलेट और 2.1 किलो |
| 2024 | 80.455 | 104.886 | 4,921.805 | 83.115 | 1,293.616 | 1,317 इंजेक्शन 37,533 टेबलेट | 120 किलो 2,68,870 टेबलेट | 68 इंजेक्शन 6,05,862 टेबलेट |
| 2025 (जनवरी से 31 अक्टूबर तक) | 43.5 | 303.6 | 5,092.7 | 70.7 | 22.2 | 29,268 टेबलेट 33 इंजेक्शन | 5,84,694 टेबलेट 1.5 किलो पाउडर | 42,300 कैप्सूल 18,379 टेबलेट 3.7 किलो पाउडर 60 इंजेक्शन |
-21 दिसंबर 2022:- निलोठी में 2400 करोड़ कीमत की 2888 किलो विभिन्न तरह के ड्रग्स को नष्ट किया गया
-26 जून 2023:- एसएसआइ इंडस्ट्रियल एरिया, जीटी करनाल रोड में 2200 करोड़ कीमत की 15,700 किलो विभिन्न तरह की ड्रग्स नष्ट की गई
-20 फरवरी 2024:- 1600 करोड़ कीमत की 10,631 किलो विभिन्न तरह की ड्रग्स जलाकर नष्ट की गई
-17 दिसंबर 2024:- 1682 करोड़ कीमत की 10,601.192 किलो ड्रग्स जलाकर नष्ट की गई
-24 जनवरी 2025:- 15.75 करोड़ कीमत की 1575 किलो गांजा जलाकर नष्ट किया गया
-तीन अप्रैल 2025:- 2622 करोड़ कीमत की 1643.074 किलो ड्रग्स जलाकर नष्ट की गई
-26 जून 2025:- 3274.5 करोड़ कीमत की 1629.409 किलो ड्रग्स जलाकर नष्ट की गई
-29 सितंबर 2025:- 35 करोड़ रुपये मूल्य की 1847.016 किलो ड्रग्स जलाकर नष्ट की गई
दिल्ली में हेरोइन की खेप तीन देशों से पहुंचती है। इनमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान व म्यांमार है। म्यांमार से हेरोइन की खेप सबसे पहले उत्तर-पूर्वी राज्य होते हुए बंगाल भेजी जाती है। उसके बाद बंगाल से कोलकाता फिर वहां से सड़क परिवहन से दिल्ली पहुंचती है। अफगानिस्तान से पाकिस्तान और वहां से पंजाब और जम्मू कश्मीर के रास्ते दिल्ली पहुंचती है। पाकिस्तान से जलमार्ग से हेरोइन गुजरात फिर वहां से दिल्ली पहुंचती है। खेप के कुछ हिस्से को दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में खपाने के बाद पश्चिमी यूरोप, कनाडा, अफ्रीका, आरूट्रेलिया व श्रीलंका हवाई मार्ग से भेजा जाता है।
दो देशों से राजधानी में पहुंचती है कोकेन
कोकेन देश में दो देशों से पहुंचाई जाती है। अफ्रीका के इथोपिया के अदीस अबाबा शहर से दिल्ली व मुंबई पहुंचाई जाती है। इसके साथ ही अबूधाबी से सीधे दिल्ली भेजी जाती है। तस्कर कोकेन भेजने के लिए हवाई मार्ग का उपयोग करते हैं। वह कोकेन को खिलौना, साबुन, शैम्पू में छिपाकर भेजते हैं।
वहीं दिल्ली में गांजा व अफीम जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, ओडिशा व आंध्र प्रदेश से भेजी जाती है। तस्कर रेल मार्ग और सड़क परिवहन से इसे दिल्ली लाते हैं।
डार्क वेब बना तस्करों का मददगार
दिलली में ड्रग्स लाने व यहां से विदेश भेजने के लिए तस्कर डार्क वेब की मदद लेते हैं। इसके लिए वर्चुअल करंसी का इस्तेमाल किया जाता है। राजधानी के कई पब, बार, हाेटलों में डार्क वेब से मंगाई गई ड्रग्स का ही इस्तेमाल होता है। डार्क वेब इंटरनेट का दो हिस्सा है जहां वैध और अवैध दोनों तरह के कामों को अंजाम दिया जाता है।
डार्क वेब ओपिनियम राउटिंग टेक्नालाजी पर काम करता है। ये यूजर्स को ट्रैकिंग और सर्विलांस से बचाता है और उनकी गोपनीयता बरकरार रखने के लिए सैकड़ों जगह रूट और री रूट करता है। आसान शब्दों में कहा जाय तो डार्क वेब ढ़ेर सारी आइपी एड्रेस से कनेक्ट और डिस्कनेक्ट होता है। जिससे इसको ट्रैक कर पाना असंभव हो जाता है। इस पर वर्चुअल करंसी जैसे बिटक्वाइन का इस्तेमाल किया जाता है ताकि ट्रांजक्शन को ट्रेस न किया जा सके।

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