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    क्या डेंगू के डंक से सुरक्षित हैं हम? हाई-बर्डन जोन में आ चुका है दिल्ली, इस साल देशभर में पांच गुना केस बढ़े

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 01:34 PM (IST)

    दिल्ली में डेंगू का खतरा बढ़ गया है, जिससे यह हाई-बर्डन जोन में आ गया है। इस साल देशभर में डेंगू के मामलों में पांच गुना वृद्धि देखी गई है, जिससे स्वा ...और पढ़ें

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू का खतरा लगातार गंभीर होता जा रहा है। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन में अब तक दिल्ली में 3,746 डेंगू के मामले आ चुके हैं और दो मौत दर्ज की गईं।

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    स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली इस समय देश के हाई-बर्डन डेंगू जोन में शामिल हो चुकी है, जहां हालात कई बड़े राज्यों के बराबर या उनसे भी ज्यादा चिंताजनक हैं, जबकि दिल्ली का भौगोलिक क्षेत्र उनसे कहीं छोटा है।

    डेंगू की समस्या अब सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रही। पूरे देश में बीते पांच वर्षों के दौरान डेंगू के मामलों में करीब पांच गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से संसद में पेश आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2020 में देशभर में लगभग 44 हजार डेंगू के मामले सामने आए थे, जो 2024 में बढ़कर 2.33 लाख तक पहुंच गए।

    इससे यह साफ होता है कि डेंगू अब केवल मानसून के कुछ महीनों की बीमारी नहीं रहा, बल्कि यह लगातार बनी रहने वाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है।

    देश में डेंगू का सबसे भयावह दौर 2023 में देखने को मिला, जब करीब 2.89 लाख लोग इस बीमारी की चपेट में आए। हालांकि 2024 में मामलों में कुछ गिरावट दर्ज की गई, लेकिन 2025 में भी खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इस साल नवंबर तक देशभर में 1.13 लाख से अधिक मामले और 90 से ज्यादा मौतें दर्ज की जा चुकी हैं।

    देश में डेंगू के मामलों में दिल्ली की स्थिति

    • तमिलनाडु में 20,866
    • महाराष्ट्र में 13,333
    • केरल में 10,239
    • गुजरात में 3,947
    • बिहार में 3,774
    • दिल्ली में 3,746 

    क्यों दिल्ली में डेंगू ज्यादा खतरनाक बन रहा है?

    स्वास्थ्य विभाग और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार राजधानी में डेंगू के बढ़ते मामलों के पीछे कई कारण हैं। दिल्ली में अत्यधिक जनसंख्या घनत्व, घरों और छतों पर पानी का भंडारण, लगातार चल रहे निर्माण कार्य, सफाई व्यवस्था में खामियां और पूरे साल मच्छरों के पनपने के अनुकूल हालात डेंगू को बढ़ावा दे रहे हैं। इन्हीं वजहों से डेंगू अब दिल्ली में साल भर सक्रिय रहने वाली बीमारी बनता जा रहा है।

    अस्पतालों पर बढ़ता दबाव

    डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू के लगातार बढ़ते मामलों से राजधानी के अस्पतालों पर भारी दबाव बना हुआ है। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों में डेंगू का खतरा सबसे अधिक है। बार-बार मरीज बढ़ने से अस्पतालों की क्षमता पर असर पड़ रहा है, वहीं शुरुआती रोकथाम और समय पर जांच में कमी भी चिंता का विषय बनी हुई है।

    रोकथाम ही सबसे बड़ा हथियार

    विशेषज्ञों का मानना है कि डेंगू एक रोकथाम योग्य बीमारी है, लेकिन इसके लिए प्रशासन और आम लोगों—दोनों को मिलकर जिम्मेदारी निभानी होगी। केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर प्री-सीजन तैयारियों, घर-घर लार्वा जांच, स्रोत नियंत्रण अभियानों और स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती को तेज किया है। साथ ही राष्ट्रीय डेंगू दिवस और एंटी-डेंगू अभियानों के जरिए जन-जागरूकता बढ़ाई जा रही है।

    स्वास्थ्य विशेषज्ञों की साफ चेतावनी है कि जब तक लोग घर और आसपास पानी जमा होने से रोकेंगे नहीं, बुखार जैसे लक्षण दिखते ही जांच नहीं कराएंगे और रोकथाम के उपायों को गंभीरता से नहीं अपनाएंगे, तब तक डेंगू पर पूरी तरह काबू पाना मुश्किल रहेगा। दिल्ली समेत पूरे देश के लिए यह समय सतर्क रहने का है, क्योंकि डेंगू को हल्के में लेना अब भारी पड़ सकता है।

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