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    दिल्ली में बम धमाका करने से पहले आतंकी उमर ने की मास्टरमाइंड मुजफ्फर से बात, अफगानिस्तान में छुपने के मिल रहे सुराग

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 07:45 PM (IST)

    दिल्ली में बम धमाका करने की साजिश रचने वाले आतंकी उमर ने धमाके से पहले मास्टरमाइंड मुजफ्फर से बात की थी। जांच में उमर के अफगानिस्तान में छुपने के सुराग मिले हैं। मुजफ्फर इस पूरे मॉड्यूल का मास्टरमाइंड है, जिसकी भूमिका की जांच जारी है। सुरक्षा एजेंसियां उमर के मददगारों की तलाश कर रही हैं।

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    संकेत मिल रहे हैं कि आतंकी उमर ने लाल किला के बाहर आतंकी मुजफ्फर से निर्देश मिलने पर ही धमाका किया था।

    राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली में लाल किला के पास पाकिस्तान आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी डाॅ. उमर नबी बट द्वारा धमाका करने के मामले की जांच कर रही जांच एजेंसियों को एक और नई जानकारी मिली है। सूत्रों के मुताबिक 10 नवंबर की दोपहर धमाके से कुछ देर पहले उमर ने अपने एक मोबाइल को सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में ऑन कर फरार मास्टरमाइंड डाॅ. मुजफ्फर से लंबी बातचीत की थी। उससे उमर ने क्या बातचीत की थी, यह जानकारी जांच एजेंसी को नहीं मिल पाई है, माना जा रहा है कि मुजफ्फर से निर्देश मिलने पर उमर ने लाल किला के बाहर धमाका किया हो।

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    कहीं मुजफ्फर से तो नहीं मिले निर्देश

    जांच एजेंसी मुजफ्फर को इस माॅड्यूल का मास्टरमाइंड मान रही है। वह दुबई में रहता है। लेकिन आतंकी वारदात के बाद वह फरार हो चुका है। जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के काजीगुंड गांव के रहने वाले मुजफ्फर के अफगानिस्तान में होने की जानकारी मिली है। जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि मुजफ्फर के पकड़े जाने पर इस माॅड्यूल के पूरे नेटवर्क का पता लग सकेगा।

    सभी आतंकी दाे टेलीग्राम ग्रुप से थे जुड़े

    सूत्राें के मुताबिक उमर के पास दो मोबाइल नंबर होने की जांच एजेंसियों को जानकारी मिली थी। एक सीसीटीवी फुटेज से इसकी पुष्टि भी हुई है। दोनों नंबर 30 अक्टूबर की रात से बंद हो गए थे, जब उमर को यह सूचना मिली कि उसका साथी डाॅ. मुजम्मिल पकड़ा गया है। उन्हीं दो नंबर में एक को उमर ने सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में कुछ देर के लिए चलाया था। यह जानकारी भी मिली है कि इस माॅड्यूल के सभी आतंकी दाे टेलीग्राम ग्रुप में जुड़े थे।

    मेल चेक करने का तरीका भी था नायाब

    टेलीग्राम ग्रुपों में कट्टरपंथी सामग्री मिलती थी। इसके साथ ये आतंकी माॅड्यूल डेड ड्राॅप ईमेल इस्तेमाल करता था। इसमें ईमेल में अपना संदेश लिखकर ड्राफ्ट में छोड़ दिया जाता था। ईमेल की आईडी और पासवर्ड सभी सदस्यों के पास होता था। वे इसके जरिये ईमेल को खोलकर ड्राफ्ट मेल चेक करते थे।

    रेड काॅर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी

    इंटेलीजेंस सूत्रों के मुताबिक, मुजफ्फर के खिलाफ जल्द रेड काॅर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है। उसे इंटर स्टेट ह्वाइट कालर’ टेरर माॅड्यूल का अहम सदस्य बताया जा रहा है। वह सहारनपुर से पकड़े गए डाॅ. आदिल का बड़ा भाई है। फरीदाबाद-सहारनपुर माॅड्यूूल के आठ से अधिक सदस्याें को एनआईए, जम्मू-कश्मीर, स्पेशल सेल, हरियाणा व यूपी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।

    अफगानिस्तान भागने का मिल रहा संकेत

    जांच से पता चला है कि मुजफ्फर अगस्त में देश छोड़कर दुबई गया था। अब उसके अफगानिस्तान भाग जाने की जानकारी मिली है। इंटेलीजेंस सूत्रों के मुताबिक मुजफ्फर फरीदाबाद-सहारनपुर माॅड्यूल और पाकिस्तानी हैंडलर्स के बीच कड़ी का काम कर रहा था। मुजफ्फर, उकाशा नाम के कश्मीरी युवक के संपर्क में था जो जैश के नेटवर्क को देखता है।

    इन लोगों की मुलाकात उकाशा से हुई

    उकाशा के भी अफगानिस्तान में होने की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह भी पता चला है कि उमर, मुजफ्फर और डाॅ. मुजम्मिल शकील पहले भी तुर्किये जा चुके थे। वहीं, पर इन लोगों की मुलाकात उकाशा से हुई थी।

    वहीं, पर फंडिंग से लेकर ऑपरेशन का रूट, हमले की प्लानिंग को फाइनल किया गया था। हाल ही में भाई आदिल की गिरफ्तारी के बाद मुजफ्फर तुरंत अफगानिस्तान भाग गया। सूत्रों के मुताबिक आदिल को कट्टरपंथ की तरफ धकेलने में मुजफ्फर की ही भूमिका है। उसी ने आदिल, उमर, मुजम्मिल और मौलवी इरफान से मुलाकात करवाई थी।

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