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    आतंकी उमर नबी बट का 11 दिन का रहस्य... लापता होने से धमाके तक, CCTV-डंप डेटा खंगाल रही एजेंसियां

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 06:40 AM (IST)

    दिल्ली में हुए बम धमाकों के आरोपी आतंकी उमर नबी बट के हमले से पहले 11 दिनों तक लापता रहने के मामले में जांच एजेंसियां उसकी गतिविधियों का पता लगाने में जुटी हैं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और डंप डेटा का विश्लेषण कर रही है। जांच दल उमर के संपर्कों और संभावित ठिकानों की तलाश कर रहे हैं ताकि साजिश की असली जड़ तक पहुंचा जा सके। एनआईए और दिल्ली पुलिस दरगाह फैज़ इलाही से जुड़े लोगों से भी पूछताछ कर रही है।

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    दिल्ली में बम धमाके करने वाला आतंकी उमर नबी बट हमले से 11 दिन पहले लापता हो गया था।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली बम धमाकों को अंजाम देने वाला आतंकी डॉ. उमर नबी बट आत्मघाती हमले से करीब 11 दिन पहले लापता था। आतंकी हमले की जांच कर रही एजेंसियां इन 11 दिनों के दौरान उसकी गतिविधियों का पता लगाने में जुटी हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और डंप डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है। एनआईए, सीबीआई, एनएसजी और एफएसएल की टीमें इसमें जुटी हैं। लाल किले के बाहर आई20 कार बम धमाके के मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी डॉ. उमर नबी बट की गतिविधियों का पता लगाना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है।

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    29 अक्टूबर को फरीदाबाद में कार खरीदने के अगले दिन 30 अक्टूबर की रात से लेकर धमाके से एक दिन पहले 10 नवंबर की शाम तक उमर कहां था, वह किन लोगों के संपर्क में था और उसने साजिश को अंजाम देने के लिए किन लोगों का इस्तेमाल किया, यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है। जांच दल जम्मू-कश्मीर, लखनऊ, सहारनपुर, मेरठ, गुरुग्राम, पलवल, नूंह, फरीदाबाद और दिल्ली के कई इलाकों में उसकी संभावित गतिविधियों के रिकॉर्ड खंगाल रहे हैं।

    अधिकारियों का कहना है कि साजिश की असली जड़ें इन्हीं 11 दिनों में छिपी हैं। जांच दल उमर के सभी संपर्कों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उसने अकेले लाल किला विस्फोट की साजिश रची थी या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी।

    एजेंसियों का मानना है कि इस नेटवर्क से जुड़े लोग भविष्य में किसी बड़े हमले में मददगार साबित हो सकते हैं। आशंका है कि उमर ने न सिर्फ दिल्ली में टोह ली, बल्कि आसपास के राज्यों में संभावित ठिकानों की भी पहचान की। उमर एक उच्च प्रशिक्षित आतंकवादी था। 30 अक्टूबर की रात जैसे ही उमर को आतंकी डॉ. मुजम्मिल और उसके अन्य साथियों के पकड़े जाने की सूचना मिली, उसने अपने दोनों मोबाइल फोन बंद कर दिए और गायब हो गया।

    जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, उमर एक उच्च प्रशिक्षित आतंकवादी था। वह काउंटर-ट्रैकिंग तकनीकों में भी माहिर था। यही वजह है कि अभी तक एनसीआर में उसकी मौजूदगी के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। एजेंसियों का मानना है कि वह किसी स्थानीय मॉड्यूल या स्लीपर सेल के संपर्क में भी था। दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, यूपी एटीएस, हरियाणा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त टीमें उन सभी संभावित लोगों की सूची तैयार कर रही हैं, जो हाल के दिनों में उमर के संपर्क में आए थे।

    इंटरनेट मीडिया भी निगरानी में

    उमर के डिजिटल उपकरणों (दो मोबाइल नंबर) से सीमित डाटा बरामद हुआ है, जिसमें एन्क्रिप्टेड चैट और इंटरनेट कॉल मिले हैं। इसके साथ ही इंटरनेट मीडिया पर उमर से सहानुभूति रखने वालों पर नजर रखी जा रही है।

    उमर और दरगाह फैज इलाही के बीच कनेक्शन तलाश रही एनआईए

    आतंकी धमाके की एनआईए और दिल्ली पुलिस की संयुक्त जांच कई नए बिंदुओं पर केंद्रित है। सूत्रों के अनुसार, बुधवार को दिल्ली के तुर्कमान गेट स्थित दरगाह फैज़ इलाही मस्जिद से जमात से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लिया गया और शुरुआती पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया। मस्जिद समिति के सदस्यों से जमातियों की आवाजाही और मस्जिद में उनके ठहरने से जुड़े विस्तृत रिकॉर्ड के बारे में भी पूछताछ की जा रही है।

    पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि क्या उमर का यह पहला दौरा था या वह पहले भी मस्जिद में आ चुका था। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार, उमर विस्फोटकों से भरी एक कार लेकर तुर्कमान गेट इलाके में पहुँचा और उसे मस्जिद के बाहर सड़क पर खड़ा कर दिया। फुटेज से पता चलता है कि मस्जिद में कुछ समय बिताने के बाद, वह कार लेकर चला गया।

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