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    Delhi Blast में NIA ने बारामूला से एक और डॉक्टर किया गिरफ्तार; फिदायीन हमले में की मदद और सबूत मिटाए

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 08:46 PM (IST)

    दिल्ली में हुए ब्लास्ट के मामले में एनआईए ने बारामूला से एक और डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी फिदायीन हमले में मदद करने और सबूत मिटाने के आर ...और पढ़ें

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    लाल किला ब्लास्ट मामले में आरोपी डाॅ. बिलाल नसीर मल्ला को पटियाला कोर्ट में पेश करती एनआईए की टीम। जागरण

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली।  लाल किला के बाहर धमाका मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक और आतंकी डाॅ. बिलाल नसीर मल्ला को जम्मू-कश्मीर के बारामूला से गिरफ्तार किया है। वह इस केस में गिरफ्तार होने वाला आठवां आतंकी है।

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    एनआईए का कहना है कि लाल किला ब्लास्ट मामले में वह आतंकवादी हमले की साज़िश रचने में शामिल था, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 22 अन्य लोग घायल हो गए थे।

    एनआईए की जांच में पता चला है कि बिलाल नसीर मल्ला ने जानबूझकर आतंकी हमले के लिए कार में ब्लास्ट करने वाले आतंकी डाॅ. उमर नबी बट को लॉजिस्टिक सपोर्ट देकर पनाह दी थी। उस पर आतंकवादी हमले से जुड़े सुबूत नष्ट करने का भी आरोप है।

    बिलाल को पटियाला हाउस स्थित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पेश करने के बाद सात दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया गया है।

    उधर, लाल किला ब्लास्ट मामले में पहले से गिरफ्तार आतंकी आमिर रशीद अली को भी मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर एनआईए ने गहन पूछताछ के लिए चौथी बार सात दिन की और रिमांड पर लिया है। जम्मू-कश्मीर के रहने वाले आमिर को एनआईए ने 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था।

    एनआईए अब तक इस मामले से जुड़े आठ आतंकियों को गिरफ्तार कर चुकी है। यह मामला जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा पकड़े गए व्हाइट कालर आतंक मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है।

    10 नवंबर को लाल किला के बाहर हरियाणा नंबर की आइ-20 कार में ब्लास्ट किया गया था। वह कार आमिर रशीद अली के नाम पर पंजीकृत पाई गई थी, जिसका इस्तेमाल उमर कर रहा था।

    उमर को वह कार खरीदवाने आमिर दिल्ली आया था, जिसे बाद में आइईडी विस्फोटक वाहन के रूप में इस्तेमाल किया गया था। धमाके के दौरान उस कार को पुलवामा का रहने वाला डा. उमर नबी बट चला रहा था। वह फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत था।

    एनआईए इस आतंकवादी हमले के पीछे की साज़िश का पता लगाने के लिए अलग-अलग केंद्रीय एजेंसियों और राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर जांच में जुटी हुई है।

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