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    कैस्केडिंग इफेक्ट और FDTL में लापरवाही से बिगड़े हालात, दिल्ली एयरपोर्ट पर IndiGO की 152 फ्लाइट्स कैंसिल

    By Mukesh ThakurEdited By: Kushagra Mishra
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 07:27 PM (IST)

    दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इंडिगो एयरलाइंस का परिचालन संकट जारी है। मंगलवार को 152 उड़ानें रद कर दी गईं। विशेषज्ञों के अनुसार, क्रू ...और पढ़ें

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    मुकेश ठाकुर, नई दिल्ली। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) पर इंडिगो एयरलाइंस का परिचालन संकट मंगलवार को भी कम नहीं हुआ। एयरलाइंस की 152 उड़ानें रद कर दी गईं, जिनमें 76 आगमन और 76 प्रस्थान शामिल थे।

    वैसे एयरलाइंस द्वारा अब यात्रियों को पहले ही उड़ानों के रद होने की सूचना और रिफंड ऑनलाइन उपलब्ध करा दिए जाने के कारण अब एयरलाइंस के काउंटर पर भीड़ देखने को नहीं मिल रही।

    यह आंकड़ा 2 दिसंबर को शुरू हुए व्यापक व्यवधान के बाद आठवें दिन भी यात्रियों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बना रहा। 8 दिसंबर (सोमवार) को रद हुई 143 उड़ानों की तुलना में यह 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। 2 दिसंबर को संकट शुरू होने के बाद से दिल्ली एयरपोर्ट पर इंडिगो की करीब 1,000 से अधिक उड़ाने रद हो चुकी हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह आंकड़ा 4,500 से अधिक है।

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    नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के सख्त हस्तक्षेप, सरकार द्वारा शीतकालीन शेड्यूल में 5 प्रतिशत की कटौती, जो 15,014 से 14,263 साप्ताहिक प्रस्थान किया जाना और जांच के आदेश के बावजूद 9 दिसंबर को रद्दीकरण में वृद्धि देखी गई। यह दर्शाता है कि नेटवर्क को रीबूट करने के इंडिगो के प्रयास हाई-ट्रैफिक एयरपोर्ट्स पर सफल नहीं हो पाए हैं।

    क्या होता है कैस्केडिंग इफेक्ट

    एविएशन विश्लेषक के अनुसार रद्दीकरण में यह वृद्धि इंडिगो की आंतरिक क्रू रोस्टरिंग में जारी समस्याओं और नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के चरण-2 कार्यान्वयन में हुई लापरवाही का परिणाम है।

    एविएशन क्षेत्र में कैस्केडिंग इफेक्ट का अर्थ है कि जब किसी दिन बड़ी संख्या में उड़ानें रद होती हैं, तो इसका सीधा असर अगले दिन की क्रू (पायलट और केबिन क्रू) उपलब्धता पर पड़ता है।

    रद हुई उड़ान के कारण क्रू अपनी निर्धारित आराम अवधि और ड्यूटी टाइम लिमिट का उल्लंघन कर बैठता है, जिससे वे अगले दिन की उड़ानें संचालित करने के लिए उपलब्ध नहीं हो पाते।

    8 दिसंबर को 143 फ्लाइटस के रद होने से 9 दिसंबर के क्रू पूल को बुरी तरह प्रभावित किया, जिसके कारण 9 दिसंबर को उड़ानों की संख्या 152 तक पहुंच गई। भले ही डीजीसीए ने 5 दिसंबर को कंपनी को अस्थायी छूट दी थी, जो 10 फरवरी तक वैध है, लेकिन क्रू की कमी अब भी बरकरार है, जिसका असर 9 दिसंबर को को देखने को मिला। इससे यह स्पष्ट होता है कि नेटवर्क रिकवरी धीमी है।

    इधर, एयरलाइंस यात्रियों से लगातार अपील कर रही है कि वे यात्रा से पहले इंडिगो की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन पर अपनी उड़ान की स्थिति की जांच करें। जबकि दो दिन पहले तक उनका वेबसाइट और एप भी क्रैश हो गया था, जिसपर यात्रियों को कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही थी। जो अब जानकारी मिल रही है।

    वैसे मंगलवार को भी दिल्ली एयरपोर्ट पर वे यात्री जिन्हें दिल्ली से कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी थी, उन्हें वैसी ही परेशानी का सामना करना पड़ा, जो दो दिन पहले अन्य यात्रियों को हो रही थी। अभी भी कनेक्टिंग फ्लाइट के यात्रियों की परेशानी में कोई कमी दर्ज नहीं की जा रही है। कई को दो से तीन दिन बाद की टिकट मिल रही है, वह भी पहले के मुकाबले दोगुनी कीमत पर।

    विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि अब भी इंडिगो एफडीटीएल अनुपालन पर एक स्पष्ट रोडमैप लागू करता है, तो भी परिचालन की पूर्ण सामान्यता फरवरी तक ही बहाल हो सकती है। अनुमानित आंकड़ों के अनुसार इस संकट से 2 दिसंबर से अब तक 10 लाख से अधिक यात्री प्रभावित हुए हैं।

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