कोहरे की मार! 12 घंटे का सफर 72 घंटों में भी अधूरा, IGI एयरपोर्ट पर दाने-दाने को तरसे यात्री
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कोहरे के कारण यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। दुबई से बिहार के सिवान जा रहे तीन कामगार पिछले तीन दि ...और पढ़ें
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कोहरे की वजह से दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों को हो रही खूब परेशानी।
मुकेश ठाकुर, नई दिल्ली। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आइजीआइ) एयरपोर्ट पर सफर करने वाले यात्रियों को अभी इंडिगो संकट से राहत भी नहीं मिली थी कि अब कोहरे ने इस पीड़ा को और बड़ा दिया है। ऐसे ही यात्रियों में दुबई से अपने घर बिहार के सिवान जाने के लिए निकले तीन कामगार जिशान, मुन्ना और लाल मोहन भी हैं, जो पिछले तीन दिनों से हवाई अड्डों पर फंसे हुए हैं। जो सफर महज 12 घंटों में पूरा होना चाहिए था, वह 72 घंटे बीत जाने के बाद भी अधूरा है।
दुबई से दिल्ली तक का संघर्ष
इन यात्रियों की स्पाइसजेट की फ्लाइट दुबई से दिल्ली और फिर दिल्ली से पटना के लिए थी। मुसीबत की शुरुआत दुबई में ही हो गई थी, जहां दिल्ली के लिए उड़ान में देरी के कारण उन्हें करीब 24 घंटे इंतजार करना पड़ा। शनिवार सुबह जब वे किसी तरह दिल्ली पहुंचे, तो यहां पता चला कि उनकी पटना की फ्लाइट रद कर दी गई है। अब उन्हें रात की फ्लाइट का आश्वासन दिया गया है, लेकिन मौसम की अनिश्चितता के बीच यह समय भी महज संभावित ही लग रहा है।
अव्यवस्थाओं के बीच फंसा हुआ महसूस कर रहे यात्री
आइजीआइ एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर फंसे इन यात्रियों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि वे यहां पूरी तरह असहाय महसूस कर रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि दुबई में एयरलाइन ने कम से कम भोजन तो उपलब्ध कराया था, लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट पर कोई व्यवस्था नहीं है। कड़ाके की सर्दी में न तो सही से आराम करने की जगह है और न ही खाने-पीने का कोई इंतजाम। एयरपोर्ट पर खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतें इतनी अधिक हैं कि एक आम आदमी के लिए उन्हें खरीदना मुश्किल है।
पसीने की कमाई की बर्बादी
दुबई में मेहनत कर रुपये बचाने वाले इन कामगारों का कहना है कि वे बड़ी मुश्किल से पैसे जोड़कर अपने देश पहुंचे थे, लेकिन एयरलाइंस की लापरवाही और मौसम की मार के कारण उनके रुपये बिना किसी कारण बर्बाद हो रहे हैं। उनके लिए इस परेशानी का फिलहाल कोई अंत होता नहीं दिख रहा है। शनिवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर उनके जैसे सैकड़ों यात्री इसी तरह की बेबसी के बीच समय काटने को मजबूर हैं।

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