Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली एयरपोर्ट पर दिखा कोहरे का असर, प्रस्थान की 85 प्रतिशत फ्लाइट्स देरी से भरी उड़ान

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 06:47 PM (IST)

    दिल्ली के आइजीआई एयरपोर्ट पर कोहरे के कारण रविवार को विमानों के आवागमन में बाधा आई। प्रस्थान की 85 प्रतिशत उड़ानें विलंबित हुईं। मौसम विभाग ने पहले ही ...और पढ़ें

    Hero Image

    देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट को कोहरे ने गंभीर रूप से प्रभावित किया।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोहरे ने रविवार को देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट के वायु यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित किया। प्रस्थान की 85 प्रतिशत तो आगमन की एक तिहाई उड़ानें विलंब की चपेट में रही। प्रस्थान की कुल विलंबित उड़ानों में औसतन करीब आधा घंटा तो आगमन की कुल विलंबित उड़ानाें में औसत पांच मिनट का विलंब रहा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मौसम विभाग ने 14 दिसंबर की सुबह माडरेट टू डेंस फाग की भविष्यवाणी की थी, जिसे देखते हुए एयरपोर्ट पर लो विजिबिलिटी प्रोसीजर्स लागू किए गए। रविवार तड़के एयरपोर्ट के रनवे पर दृश्यता काफी काफी कम हो गई। न्यूनतम दृश्यता 350-400 मीटर तक दर्ज की गई, जो बाद में थोड़ी सुधरी।

    कोहरे के कारण सबसे ज्यादा असर सुबह पांच बजे से 10 बजे के बीच पड़ा, जब लो विजिबिलिटी प्रोसीजर्स पूरी तरह सक्रिय रहीं। गैर कैट III उड़ानों को अधिक सतर्कता बरतनी पड़ी, जबकि प्रमुख एयरलाइंस जैसे इंडिगो और एयर इंडिया की कैट-III सुविधा वाली उड़ानें बिना ज्यादा रुकावट के लैंड और टेकआफ कर करती रहीं।

    सूत्रों का कहना है कि रविवार को सुबह के समय नान कैट III वाली उड़ानें सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं। ऐसी उड़ानों में आधे से एक घंटे की देरी देखी गई। एक बार जब उड़ानों की समय सारिणी गड़बड़ा गई तो इसका असर पूरे दिन की समय सारिणी पर पड़ता रहा। हालांकि एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि कोई बड़ी उड़ान रद या डायवर्ट नहीं हुई और आपरेशंस सामान्य रूप से जारी रहे।

    हालांकि दोपहर बाद दृश्यता 1300-1700 मीटर तक पहुंच गई, जिससे स्थिति स्थिर हो गई, लेकिन यह स्थिति कुछ ही देर रही। एयरपोर्ट सूत्रों का कहना है एआइ आधारित प्रेडिक्टिव सिस्टम और रियल-टाइम डेटा से आपरेशंस को बेहतर मैनेज किया गया। विंटर फाग एक्सपेरिमेंट डेटा का इस्तेमाल कर कोहरे की 85 प्रतिशत सटीक भविष्यवाणी की गई। एयरपोर्ट प्रबंधन ने कहा कि इन उपायों से इस सीजन में कोहरे का प्रभाव न्यूनतम रखा जा रहा है।

    बता दें कि आइजीआइ एयरपोर्ट के तीन मुख्य रनवे (28/10, 29आर/11एल और 29एल/11आर) अब कैट-III इंस्ट्रुमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) से लैस हैं, जो 50 मीटर तक की दृश्यता में भी सुरक्षित लैंडिंग की अनुमति देते हैं।

    तमाम सुविधाएं फिर भी क्यों हो रहा असर

    दिल्ली एयरपोर्ट पर के तीन रनवे के दोनों सिरे अब कैट 3 सुविधा से लैस हैं। इसके बाद भी आखिर कम दृश्यता में उड़ानों क्यों प्रभावित हो रही हैं। यह जानना जरुरी है कि कैट 3 या आइएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) की सुविधा का लाभ लेने के लिए पायलट का इस विधा में प्रशिक्षित होना जरुरी है। साथ यह भी आवश्यक है कि विमान में इसका सुविधा लेने के लिए आवश्यक हार्डवेयर या उपकरण हो।

    यदि दोनों में से कोई सुविधा का अभाव हो तो पायलट आइएलएस सुविधा का लाभ नहीं ले सकेगा। एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि लो विजिबिलिटी प्रोटोकाल का अनुपालन एयरपोर्ट के आपरेशन को सुरक्षित तो कर देता है लेेकिन इससे विमानों के आवागमन की रफ्तार धीमी हो जाती है। एयरपोर्ट के एयर साइड एरिया में भी कई बार एयर ट्रैफिक मूवमेंट को छोड़कर कई सेवाओं को स्थगित करना पड़ता है।