सात वर्षों में दिल्ली में सबसे प्रदूषित रहा दिसंबर, 5 दिन हवा रही 'गंभीर'; वाहनों का योगदान रहा सबसे ज्यादा
राजधानी दिल्ली में इस दिसंबर पिछले सात वर्षों का सबसे खराब वायु गुणवत्ता स्तर दर्ज किया गया है। माह का औसत एक्यूआई 349 रहा, जो 2018 के बाद सर्वाधिक है ...और पढ़ें
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बीते 7 वर्षों में इस बार का दिसंबर रहा सबसे प्रदूषित।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में इस दिसंबर में पिछले सात वर्षों का सबसे खराब वायु गुणवत्ता स्तर दर्ज किया गया है। इस माह दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 349 रहा, जो 2018 के बाद सबसे अधिक है। पड़ोसी राज्यों में पराली जलने की घटनाओं में कमी आने के बाद भी एक्यूआई बढ़ा है। यहां के प्रदूषण में पराली का योगदान मात्र 3.5 प्रतिशत पाया गया है। वाहनों के उत्सर्जन, धूल व अन्य कारणों से यहां की हवा जहरीली हो रही है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार दिसंबर, 2018 में दिल्ली का औसत एक्यूआई 360 दर्ज किया गया था। उसके बाद के वर्षों में इसमें कमी दर्ज की गई थी।दिसंबर 2024 में औसत एक्यूआइ 294, 2023 में 348, 2022 में 319, 2021 में 336, 2020 में 332, 2019 में 337 दर्ज किया गया था। इस महीने दिल्ली में पांच दिन वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में रही। वहीं, पिछले वर्ष दिसंबर में ऐसे छह दिन दर्ज किए गए थे। सोमवार को भी दिल्ली की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच गई।
आईआईटीएम पुणे की निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस) के आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर से दिसंबर अवधि में दिल्ली के प्रदूषण में पराली का योगदान लगातार घटा है। यह 2020-21 में 13 प्रतिशत था, जो 2022 में 9 प्रतिशत, 2023 में 11 प्रतिशत, 2024 में 10.6 प्रतिशत और 2025 में घटकर 3.5 प्रतिशत रह गया है।

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