दिल्ली में वायु प्रदूषण से जुड़ीं 35 शिकायतों का विभागों ने नहीं निकाला हल, MCD और जल बोर्ड सबसे फिसड्डी
दिल्ली में वायु प्रदूषण से संबंधित शिकायतों के समाधान में एमसीडी और जल बोर्ड जैसे विभाग लापरवाही बरत रहे हैं। सीपीसीबी द्वारा शिकायतों के निवारण में ढिलाई को लेकर रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं। समस्या के स्थायी समाधान के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा जाएगा और बोर्ड बैठक में चर्चा की जाएगी।

सावित्री फ्लाईओवर ब्रिज पर उड़ रही धूल के बीच गुजरते वाहन। जागरण
जागरण, नई दिल्ली। इसे चिराग तले अंधेरा कहें या फिर विभागीय अनदेखी... आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति के बीच दिल्ली के विभिन्न विभाग वायु प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों को हल करने में लापरवाही बरत रहे हैं। नगर निगम एवं जल बोर्ड इस मामले में सबसे फिसडडी हैं जबकि कई अन्य विभाग भी इन शिकायतों के प्रति लापरवाह नजर आ रहे हैं।
कुछ विभाग सक्रियता के साथ सभी शिकायतों को सुलझा भी रहे हैं। विडंबना यह कि एमसीडी, जल बोर्ड और बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग द्वारा मांगने पर भी अपने इस लचर प्रदर्शन पर कोई पक्ष भी उपलब्ध नहीं कराया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के समीर एप पर 15 अक्टूबर 2021 से 22 अक्टूबर 2025 के दौरान दिल्ली के विभिन्न विभागों से जुड़ी 8,480 शिकायतें दर्ज की गई हैं। सभी शिकायतें कार्रवाई के लिए समय समय संबंधित विभागों को भेज दी गईं। लेकिन चार सालों के दौरान भी 5,499 यानी 65 प्रतिशत शिकायतों का ही निदान किया गया है। 2,981 अर्थात 35 प्रतिशत शिकायतें लंबित पड़ी हुई हैं।
सीपीसीबी से मिली जानकारी के मुताबिक नगर निगम की 46, जल बोर्ड की 44 और बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग की 39 प्रतिशत शिकायतें अब तक समाधान का इंतजार कर रही हैं। इन शिकायतों में सड़कें खोदकर उनकी मरम्मत न करना, उड़ती धूल, जहां तहां मलबा डालना और कचरे में आग लगाने जैसे मुददे शामिल हैं। दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद और दिल्ली परिवहन निगम शत प्रतिशत शिकायतों का समाधान करने में सफल रहे।
इसलिए नहीं निकल रहा समाधान
जानकारों के मुताबिक अधिकारियों के स्तर पर समीर एप की ये शिकायतें कार्रवाई के लिए अधीनस्थ स्टाफ को भेज दी जाती हैं। यह स्टाफ बहुत सी शिकायतों काे गंभीरता से लेता ही नहीं। कई बार उस समय शिकायत पर कार्रवाई हो भी जाती है तो निगरानी के अभाव में कुछ दिन बाद फिर से वही स्थिति बन जाती है। जब तक जन जागरूकता के साथ सख्त कार्रवाई नहीं की जाएगी, समस्या का स्थायी निदान निकल ही नहीं पाएगा।
15 अक्टूबर 2021 से 22 अक्टूबर 2025 तक आईं शिकायतों का ब्योरा
| विभाग | कुल शिकायतें | सुलझाईं | बाकी रह गईं |
| कैंटोनमेंट बोर्ड | 13 | 0 | 0 |
| डीडीए | 386 | 373 | 13 |
| जल बोर्ड | 280 | 157 | 123 |
| दिल्ली मेट्रो | 27 | 23 | 4 |
| दिल्ली पुलिस | 238 | 224 | 14 |
| डीपीसीसी | 77 | 63 | 14 |
| डीएसआईआईडीसी | 74 | 69 | 5 |
| परिवहन विभाग | 186 | 185 | 1 |
| बाढ़ एवं सिंचाई नियंत्रण विभाग | 80 | 49 | 31 |
| नगर निगम | 5,974 | 3,243 | 2,731 |
| एनडीएमसी | 24 | 24 | 0 |
| पीडब्ल्यूडी | 299 | 275 | 24 |
| यातायात पुलिस | 822 | 801 | 21 |
सीपीसीबी द्वारा दिल्ली के विभिन्न विभागों को कार्रवाई के लिए भेजी जा रही शिकायतें सुलझाने में लापरवाही हो रही है। इसे लेकर उन्हें समय समय रिमाइंडर तो भेजे ही जाते हैं, जल्द ही मुख्य सचिव को पत्र भी लिखा जाएगा और बोर्ड बैठक में समस्या के स्थायी समाधान पर चर्चा भी की जाएगी।
-डाॅ. अनिल गुप्ता, सदस्य, सीपीसीबी

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