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    गोवा में हादसे के बाद खुली दिल्ली के होटलों का पोल, बिना लाइसेंस के पाए गए 364 रेस्टोरेंट

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 08:56 PM (IST)

    गोवा में हुए हादसे के बाद दिल्ली के होटलों की जाँच में 364 रेस्टोरेंट बिना लाइसेंस के पाए गए। इन रेस्टोरेंट के पास संचालन के लिए आवश्यक अनुमति नहीं थी ...और पढ़ें

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    दिल्ली में एक जांच के दौरान पता चला कि 364 रेस्टोरेंट बिना लाइसेंस के चल रहे हैं। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हजारों लोगों की जान खतरे में है, क्योंकि 800 से ज़्यादा रेस्टोरेंट नियमों का उल्लंघन करके चल रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि इनमें से 364 के पास तो लाइसेंस ही नहीं था या उन्होंने अपने लाइसेंस रिन्यू नहीं करवाए थे।

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    यह जानकारी गोवा हादसे के बाद दिल्ली में चलाए गए एक खास जांच अभियान के दौरान सामने आई है। स्टैंडिंग कमेटी की पिछली मीटिंग में गोवा जैसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए जांच करने के निर्देश दिए गए थे। जब बुधवार को कमेटी की मीटिंग में नगर निगम के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने इससे जुड़ी रिपोर्ट पेश की, तो निगम के अधिकारियों की लापरवाही और रेस्टोरेंट और बार के अवैध और बिना नियमों के चलने का खुलासा हुआ।

    MCD की रिपोर्ट के मुताबिक, निगम से लाइसेंस लेकर चल रहे रेस्टोरेंट, बार और दूसरी संस्थाओं समेत 6029 जगहों का इंस्पेक्शन किया गया। इनमें से 3511 रेस्टोरेंट निगम से लाइसेंस लेकर चल रहे थे। निगम के मुताबिक, अब तक 2360 रेस्टोरेंट का इंस्पेक्शन किया गया है। इनमें से 1994 के पास वैलिड लाइसेंस थे, जबकि 364 रेस्टोरेंट के पास लाइसेंस नहीं थे। इसके बाद MCD ने इन रेस्टोरेंट के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

    नजफगढ़ और वेस्ट जोन में चार रेस्टोरेंट सील किए गए हैं। जबकि नियमों और गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर 470 के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कुछ जगहों पर ऑन-साइट इंस्पेक्शन के दौरान MCD को तय सीटों से ज्यादा सीटें होने या गंदगी की शिकायतें मिलीं। इसके बाद चालान जारी करके और शो-कॉज नोटिस देकर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।

    MCD के मुताबिक, 364 बिना लाइसेंस वाले रेस्टोरेंट में से कई के लाइसेंस अप्रैल में एक्सपायर हो गए थे, जबकि कई ने तो लाइसेंस लिया ही नहीं था। MCD की रिपोर्ट के मुताबिक, 115 कैंटीन और रिफ्रेशमेंट रूम निगम से लाइसेंस लेकर चल रहे हैं। जबकि 18 कैटरिंग यूनिट, 148 कॉफी हाउस, 880 सड़क किनारे ढाबे, 3511 रेस्टोरेंट, 18 फूड कोर्ट, 27 इंडिपेंडेंट फूड आउटलेट, 38 किचन, 8 नॉन-अल्कोहलिक फूड शॉप और 24 अन्य संस्थाएं, साथ ही 1242 टेकअवे आउटलेट चल रहे हैं।

    स्टैंडिंग कमेटी की चेयरपर्सन सत्या शर्मा ने कहा कि दिल्ली में अवैध रूप से चल रहे होटलों, बार और रेस्टोरेंट के खिलाफ की जा रही कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट कमेटी के सामने पेश की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उन प्रतिष्ठानों की साफ पहचान करें जिनके लाइसेंस खत्म हो गए हैं और जो बिना अनुमति के या नियमों का उल्लंघन करके चल रहे हैं, और अवैध प्रतिष्ठानों के खिलाफ सख्त और तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करें।

    उन्होंने यह भी साफ़ किया कि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी प्रतिष्ठान के प्रति ज़ीरो-टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी, और नागरिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और सुविधा से जुड़े मामलों में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।