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    नकली करेंसी का बड़ा 'खेल' उजागर, कार में भरे थे 500-1000 के नोट; सप्लाई करने वाले आरोपियों ने उगले बड़े राज

    Updated: Fri, 12 Dec 2025 03:11 PM (IST)

    दिल्ली पुलिस ने नोटबंदी के नौ साल बाद शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन के पास से दो कारों में 500 और 1000 रुपये के करीब 3.60 करोड़ रुपये बरामद किए हैं। पुलिस ...और पढ़ें

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    नोटबंदी के नौ साल बाद 500-1000 के साढ़े तीन करोड़ मिले। जागरण

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। नोटबंदी के नौ साल बाद 500 व 1000 रुपये के करीब 3.60 करोड़ रुपये पुलिस ने दो कारों से बरामद किए हैं। बाहरी दिल्ली में शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन के पास से बुधवार की रात पुलिस ने प्रतिबंधित करेंसी के साथ-साथ कार में बैठे चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है। इनमें एक बीए पाठ्यक्रम का छात्र शामिल है।

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    वहीं, पूछताछ के दौरान गिरफ्तार लोगों ने पुलिस को बताया कि यह पैसा उनका नहीं है, वे डिलीवरी करने आए थे। डिलीवरी के बदले में उन्हें कमीशन मिलना था। आरोपी ने यह भी बताया कि ये नोट तरुण और आशीष नाम के दो युवकों ने भिजवाए थे। पुलिस अब अरुण और आशीष की तलाश कर रही है।

    पुलिस का मानना है कि नोट तरुण और आशीष के हो सकते हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान हर्ष, टेकचंद, लक्ष्य और विपिन के रूप में हुई है। हर्ष बीए का छात्र है, जो रोहिणी सेक्टर-25 का रहने वाला है। टेक चंद ठाकुर 10वीं पास हैं। जो जिम ट्रेनर भी है, फिलहाल बेरोजगार है।

    बृजपुरी निवाली लक्ष्य ग्रेजुएट है और हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट में कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी ज्वॉइन की है। विपिन कुमार फिरोज शाह रोड स्थित सरकारी क्वार्टर में रहता है। जो हिमाचल प्रदेश के जोगिंदर नगर का रहने वाला है। एक कंपनी प्राइवेट नौकरी करता है। वर्ष 2021 में मुख्य आरोपित आशीष और तरुण नाम के दो लोगों के संपर्क में आया।

    पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में धोखाधड़ी, साजिश और बैंक नोट्स एक्ट का उल्लंघन के मामले में मामला दर्ज किया गया है। ये चारों लोग जानते थे कि ऐसे बंद हो चुके नोटों को अपने पास रखना गैर-कानूनी है और उनके पास इन्हें रखने का कोई सही दस्तावेज या कारण नहीं था।

    उत्तरी-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त भीष्म सिंह ने बताया कि बुधवार की शाम अशोक विहार थाना क्षेत्र स्थित वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र चौकी पुलिस को जानकारी मिली कि बड़ी मात्रा में बंद हो चुके नोट लेकर कोई शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन के पास आने वाला है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मेट्रो स्टेशन के पास पहुंची, जहां दो अलग अलग कार में चार युवक बैठे थे। जांच करने पर दोनों कार से एक-एक बैग मिला। जिसमें बंद हो चुके पांच और और एक हजार रुपये के गड्डियां मिली।

    मजबूरी के कारण आरोपियों ने उठाया कदम

    आरोपी टेक चंद ठाकुर ने बताया कि 18 महीने पहले जिम ट्रेनर की नौकरी छोड़ दी थी और बेरोजगार हो गया था। खराब आर्थिक स्थिति के कारण उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई। बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस मामले शामिल हो गया।

    वहीं, आरोपी हर्ष ने बताया कि जल्दी पैसे कमाने के लिए इस मामले में शामिल हुआ। आरोपी लक्ष्य ने बताया कि उसने हाल ही में सगाई की है, फरवरी में उसकी शादी होने वाली थी। उसने अपनी मंगेतर के बैंक खाते से शादी के खर्च के लिए लोन लिया था। उसे चुकाने का दबाव था। वह टेकचंद के संपर्क में आया और दोनों ने मिलकर इस मामले में शामिल होने की योजना बनाई।

    दो महीने पहले बनाई थी नोट बदलने की योजना

    आरोपी विपिन कुमार ने बताया कि वर्ष 2021 से आशीष और तरुण नाम के दो लोगों के संपर्क में आया। आशीष और तरुण दोनों ने बताया कि वे मनी ट्रांसफर का बिजनेस करते हैं। करीब दो-तीन महीने पहले आशीष और तरुण ने उन्हें बताया कि उनके पास करोड़ों रुपये के पुराने करेंसी नोट हैं और अगर वे उन्हें नए करेंसी नोट में बदलने में मदद करेंगे, तो उन्हें इसके लिए अच्छी रकम मिलेगी। इस पर विपिन ने टेक चंद से संपर्क किया और टेक चंद ने हर्ष और लक्ष्य से संपर्क किया।

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    नोट किसके, तरुण और आशीष की गिरफ्तारी के बाद स्पष्ट होगी स्पष्ट

    गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपी तरुण और आशीष को पकड़ने के लिए कई टीमें गठित कर दी हैं। टीम लगातार उनके संभावित ठिकानों पर छापामारी कर रही है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद ही पता चल सकेगा कि आखिर ये नोट कहां से आएं और किसके हैं।