दिल्ली के 30 लाख वाहन मालिकों की बढ़ी टेंशन! बगैर PUC सर्टिफिकेट के एक साल से दौड़ा रहे; अब आया नया आदेश
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बावजूद पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना चल रहे वाहनों पर सख्ती नहीं हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार सख्ती करती तो ...और पढ़ें
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29 लाख 81 हजार 795 वाहन बगैर पीयूसीसी के दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बाद भी बगैर पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण) प्रमाणपत्र वाले वाहनों पर सख्ती नहीं की जा रही है। इस मामले में हो रही हीला-हवाली के चलते ही अब ऐसी नौबत आ गई है कि बगैर पीयूसीसी वाले वाहनों को ईंधन के लिए प्रतिबंध लगाना पड़ा है।
विशेषज्ञों के मानें तो सरकार अगर इसमें सख्ती बढ़ाती तो शायद यह नौबत कभी नहीं आती। जबकि दिल्ली में वाहनों से प्रदूषण होने वाला बाली बात सार्वजनिक तौर पर मानी जा रही है।
दिल्ली की स्थिति पर बात करें तो 75 लाख से करीब वाहन दिल्ली में दौड़ रहे हैं। ये वे वाहन हैं जिनकी अभी उम्र बची हुई है। इनमें से अभी तक इस साल 45 लाख पीयूसी बनाए गए हैं, जबकि 29 लाख 81 हजार 795 वाहन बगैर पीयूसीसी के दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो स्थिति साफ हो जाती है कि इस साल यानी 2025 में किस तरह पीयूसी प्रमाणपत्र के मामले में लापरवाही बरती गई है। 2025 में अभी तक अब जब साल 2025 समाप्त होने जा रहा है और अब केवल 15 दिन इस साल में बचे हैं। मगर पूरे साल को मिलाकर अभी तक 45 लाख 46 हजार 61 पीयूसी ही जारी हुए हैं। जबकि 2024 में 49 लाख 32 हजार 973 पीयूसी प्रमाण पत्र जारी हुए थे।
यानी इस साल अभी तक तीन लाख 86 हजार 912 की इस साल कमी रही है। अगर हम मान भी लें कि 15 दिन में पीयूसीसी की संख्या कुछ बढ़ भी जाएगी, मगर इतनी बिल्कुल नहीं बढ़ रही है कि पिछले साल का आंकड़े तक पहुंच सकेगी।
इससे पहले 2023 में यह संख्या 52 हजार 30 लाख 292 और 2022 में 54 लाख 73 हजार 13 पीयूसी प्रमाण पत्र जारी हुए थे। यह आंकड़े चुगुली कर रहे हैं कि इस स्थिति के लिए परिवहन विभाग के लेकर वे सभी एजेंसियां जिम्मेदार हैं जिनके ऊपर प्रदूषण रोकने की जिम्मेदारी है।
परिवहन विशेषज्ञ व परिवहन विभाग के पूर्व उपायुक्त अनिल छिकारा कहते हैं कि वाहनों के पीयूसीसी बनवाने के लिए लगातार सख्ती की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वाहन चालकों को यह अहसास हाेते रहना चाहिए कि अगर वह पीयूसीसी नहीं बनवाते हैं तो उन पर कार्रवाई भी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि बगैर पीयूसीसी वाले वाहन पर 10000 के चालान का प्रावधान है। इसके बाद भी अगर लोग अपने पीयूसीसी नहीं बनवा रहे हैं तो इस मामले में कहीं न कहीं लापरवाही ही हो रही है।
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