प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार का 'मास्टरस्ट्रोक', मनजिंदर सिंह सिरसा ने जारी किए 3 नए गाइडलाइन
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने घोषणा की है कि गुरुवार से बिना पीयूसी प्रमाणपत्र के वाहनों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी ...और पढ़ें
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पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बिना पीयूसी प्रमाण पत्र के बिना वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरने की अनुमति न देने की घोषणा की।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को घोषणा की कि गुरुवार से राष्ट्रीय राजधानी में वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र के बिना वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी वाहन मालिकों को पीयूसी मानदंडों का पालन करने के लिए एक दिन का समय दिया गया है।
दिल्ली सचिवालय में पत्रकार वार्ता के दौरान सिरसा ने कहा कि पेट्रोल पंपों पर लगे ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकाग्निशन (एएनपीआर) कैमरे वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना वाहनों की स्वतः ही पहचान कर लेंगे। ऐसे वाहनों को बिना किसी झड़प या व्यवधान के ईंधन देने से इनकार कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं रखने वाले आठ लाख से अधिक वाहन मालिकों पर पहले ही जुर्माना लगाया जा चुका है।
मंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली के बाहर पंजीकृत और बीएस छह से कम श्रेणी के सभी वाहनों को ग्रेप तीन और ग्रेप चार लागू होने की वजह से दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे में गुरुवार से और अगले आदेश तक, दिल्ली के बाहर से आने वाले सिर्फ बीएस छह वाहनों को ही शहर में प्रवेश करने की अनुमति होगी।
मंत्री ने कहा कि 2025 में दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग आठ महीने बेहतर रही है। प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की पहलों पर प्रकाश डालते हुए सिरसा ने कहा कि प्रतिदिन कार्रवाई की जा रही है। राजधानी में कचरे के ढेर की ऊंचाई 15 मीटर कम हो गई है। पुराने कचरे से प्रभावित कुल 202 एकड़ भूमि में से 45 एकड़ भूमि को साफ करके पुनः प्राप्त कर लिया गया है और वहां पौधारोपण अभियान शुरू कर दिए गए हैं।
इसी प्रकार, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने अब तक 2,000 से अधिक प्रदूषण निगरानी संयंत्र स्थापित किए हैं और 9.21 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है। अन्य विभागों द्वारा भी सख्ती बरती जा रही है। सिरसा ने कहा कि निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और उल्लंघन करने वालों पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा, साथ ही दोषी वाहनों को सील कर दिया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री ने जानकारी दी कि डीपीसीसी व जिला प्रशासन टीमों द्वारा औद्योगिक क्षेत्र, पुनर्वास और अनधिकृत इलाकों में सर्वे किया जा रहा है। अब तक 824 औद्योगिक इकाइयों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जा रही है। डीजल जनरेटर सेट और प्रदूषण फैलाने वाले व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर भी सख्त कार्रवाई जारी है। 3,200 से अधिक जनरेटर सेट की सीएक्यूएम मानकों के अनुसार जांच की गई है। वहीं 318 बैंक्वेट हालों को डीजी सेट मानकों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
सिरसा ने कहा कि बायोमेथेनेशन संयंत्र भी प्रदूषण में योगदान करते हैं। इसीलिए सरकार ने उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ संचालन सुनिश्चित करने के लिए 10,000 हीटर उपलब्ध कराए हैं। उन्होंने कहा कि जहां पिछली सरकार ने 2018 में 13 प्रदूषण हाट स्पाट की पहचान की थी, वहीं मौजूदा सरकार ने 62 हाटस्पाट की पहचान की है और उन पर काम भी कर रही है।
सिरसा ने कहा कि दिल्ली में वर्तमान में 3,400 इलेक्ट्रिक बसें हैं। सरकार स्वच्छ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दे रही है और 7,500 इलेक्ट्रिक बसों को तैनात करने की योजना बना रही है, जिससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण में काफी कमी आएगी। उन्होंने बताया कि एक वैज्ञानिक समिति का भी गठन किया गया है, जिसने प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण उपायों की सिफारिश करने के लिए पहले ही बैठकें की हैं। उन्होंने बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने भी एक समिति का गठन किया है।
प्रदूषण खत्म नहीं कर सकने पर मंत्री ने मांगी माफी
पर्यावरण मंत्री ने दिल्ली में प्रदूषण पूरी तरह खत्म नहीं कर पाने के लिए माफी मागते हुए कहा कि आठ नाै महीने में किसी भी सरकार के लिए ऐसा करना संभव नहीं है। सिरसा ने इस ‘बीमारी’ के लिए आम आदमी पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस पर भी निशाना साधा।
सिरसा ने कहा, दिल्ली में प्रदूषण की बीमारी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की पुरानी सरकारों की देन है। उन्होंने दोनों पार्टियों को एक साथ निशाने पर लेते हुए कहा, ''10-11 साल की आम आदमी पार्टी की बीमारियां और 15 साल की कांग्रेस की बीमारी है। जो राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मास्क लगाकर बातें कर रहे हैं, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि पिछले साल आपके मास्क कहां थे। पिछले साल इससे ज्यादा प्रदूषण था।

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