यूएपीए-एनआईए के मामलों के लिए 16 विशेष अदालतें होंगी शुरू, लाल किला केस की भी होगी तेज सुनवाई
दिल्ली के राउज एवेन्यू जिला अदालत में आतंकवाद और संगठित अपराध से जुड़े मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए 16 फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतें स्थापित की जा रही ह ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आतंकवाद और संगठित अपराध से जुड़े मामलों की सुनवाई में हो रही देरी को रोकने के लिए राउज एवेन्यू स्थित जिला अदालत में यूएपीए, एनआइए एक्ट, मकोका जैसे गंभीर मामलों की तेज सुनवाई के लिए 16 फास्ट-ट्रैक विशेष अदालतें स्थापित की जा रही हैं। अगर तय समय पर काम पूरा होता है तो लाल किला बम धमाका मामले जैसे संवेदनशील मामलों की सुनवाई भी इन्हीं विशेष अदालतों में होगी।
सूत्रों के अनुसार, ये अदालतें खास तौर पर कट्टर अपराधी, बड़े गैंगस्टर्स और टेरर आरोपितों के मामलों की सुनवाई करेंगी ताकि लंबी ट्रायल प्रक्रिया के कारण जमानत मिलने जैसी स्थितियों को रोका जा सके। अभी ऐसे 100 से ज्यादा मामले दिल्ली की अलग-अलग अदालतों में लंबित हैं, जहां एक साथ नियमित मामले भी चलते रहते हैं, जिससे देरी होती है।
सूत्रों के मुताबिक, दिसंबर के पहले 10 दिनों में दिल्ली सरकार और दिल्ली हाई कोर्ट प्रशासन के बीच कई दौर की बैठकें हुई, जिसके बाद राउज एवेन्यू जिला अदालत को इन अदालतों का केंद्र चुन लिया गया। यहां बने 34 डिजिटल एनआइ एक्ट कोर्टरूम में से 10 - 15 कोर्टरूम को संशोधित कर विशेष कोर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को शपथपत्र देकर आश्वासन दिया है कि निर्माण कार्य करीब तीन माह में पूरा करने की कोशिश की जाएगी।
दिल्ली हाई कोर्ट की समिति, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति ज्योति सिंह कर रही हैं और इसमें न्यायमूर्ति ओपी शुक्ला व न्यायमूर्ति अजय दिग्पाल शामिल हैं, ने 16 नए कोर्टरूम और न्यायाधीश के चैंबर्स के निर्माण को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि आतंकवाद, संगठित अपराध और विशेष कानूनों से जुड़े मामलों की दिन-प्रतिदिन सुनवाई जरूरी है, क्योंकि लंबी ट्रायल के कारण आरोपित अक्सर बेल लेते हैं।
केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिया है कि वह देशभर में ऐसी अदालतों के गठन में राज्यों को पूरा सहयोग देगी। सुप्रीम कोर्ट जनवरी में इस मसले की स्थिति की फिर समीक्षा करेगा।
इन हाई-प्रोफाइल मामलों की सुनवाई तेज होने की उम्मीद
- लाल किना बम धमाका जैसे आतंकी मामले
- यूएपीए के तहत दर्ज गंभीर साजिश और आतंक फंडिंग से जुड़े मामले
- एनआईए द्वारा जांचे जा रहे टेरर माड्यूल मामले
- मकोका के तहत बड़े गैंगस्टर नेटवर्क, वसूली सिंडिकेट और संगठित अपराध से जुड़े मामले
यह भी पढ़ें- दिल्ली, मुंबई से बेंगलुरु तक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, नए साल पर रहेंगी ये पाबंदियां

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।