नमो भारत दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर को लेकर महत्वपूर्ण फैसला, DDA ने इन्फ्लुएंट जोन योजना को दी मंजूरी
दिल्ली विकास प्राधिकरण ने एनसीआरटीसी के जंगपुरा-सराय काले खां खंड के लिए इन्फ्लुएंट जोन योजना को मंज़ूरी दी। यह नमो भारत दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के संचालन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। एनसीआरटीसी वर्तमान में चार करोड़ यात्रियों को सेवा दे रहा है और भविष्य में क्षमता विस्तार का लक्ष्य है। आवास मंत्री ने नमो भारत की धुन का अनावरण किया, जो सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतीक है।

नमो भारत दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर को लेकर महत्वपूर्ण फैसला।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के नमो भारत जंगपुरा-सराय काले खां खंड के लिए इन्फ्लुएंट जोन योजना को स्वीकृति दे दी है। यह जोन नमो भारत के दिल्ली-मेरठ काॅरिडोर के संचालन की अंतिम चरण की तैयारी की दिशा में खासा महत्वपूर्ण कदम है।
इन्फ्लुएंट जोन योजना, प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, जैसे रैपिड ट्रांजिट लाइनों, के लिए भूमि उपयोग और विकास नियमों की रूपरेखा तैयार करती है। ऐसा इसलिए ताकि नियोजित विकास सुनिश्चित किया जा सके और उनके व्यापक प्रभाव का प्रबंधन किया जा सके।
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने सोमवार को भारत मंडपम में नमो भारत दिवस कार्यक्रम में यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि हाल ही में, जंगपुरा से सराय काले खां तक इन्फ्लुएंट ज़ोन योजना को दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा मंजूरी मिल गई है।
गोयल ने कहा कि एनसीआरटीसी वर्तमान में लगभग चार करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करता है और आने वाले वर्षों में लगभग 8.4 करोड़ यात्रियों को सेवा प्रदान करने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार करने का लक्ष्य रखता है।
इस कार्यक्रम में आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री टोकन साहू और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव एवं एनसीआरटीसी के अध्यक्ष श्रीनिवास कटिकिथला भी उपस्थित थे। साहू ने नमो भारत की विशिष्ट धुन का अनावरण किया, जो यात्रियों के लिए आनंद व सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतीक है और विभिन्न भारतीय शास्त्रीय धुनों के मिश्रण से तैयार की गई है।
नमो भारत, जिसे पहले रैपिडएक्स के नाम से जाना जाता था, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एनसीआरटीसी द्वारा संचालित एक क्षेत्रीय रैपिड रेल प्रणाली है। दिल्ली को आसपास के शहरों से जोड़ने वाले क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट नेटवर्क की अवधारणा 1990 के दशक के उत्तरार्ध की है।
2013 में, केंद्र सरकार ने दिल्ली में भीड़भाड़ कम करने और 100-200 किमी के दायरे में कनेक्टिविटी में सुधार लाने के उद्देश्य से आठ क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) को लागू करने के लिए एनसीआरटीसी की स्थापना की थी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर, जिसे चरणों में विकसित किया जा रहा है, वर्तमान में 11 स्टेशनों के साथ 55 किलोमीटर का परिचालन कर रहा है। शेष खंडों के जल्द ही चालू होने की उम्मीद है। काॅरिडोर के विस्तार के साथ उत्तर प्रदेश और दिल्ली के निकासी बिंदुओं को कवर करने के लिए एक्सचेंजों के माध्यम से बिजली खरीद का भी विस्तार किया जा रहा है।
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