केजरीवाल से जुड़े केस की जांच में तेजी लाने का आदेश, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से 3 दिसंबर तक मांगी रिपोर्ट
राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को अरविंद केजरीवाल से जुड़े सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया है। मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने जांच अधिकारी को 3 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने को कहा। पूर्व विधायक गुलाब सिंह और पार्षद नीतिका शर्मा से पूछताछ हो चुकी है। मामला 2019 में द्वारका में बैनर लगाने से जुड़ा है, जिसमें सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप है।

तीन दिसंबर को होगी अगली सुनवाई, जांच अधिकारी को स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राउज एवेन्यू स्थित अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दिल्ली पुलिस को आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जुड़े सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले की जांच में तेजी लाने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) नेहा मित्तल ने यह आदेश उस समय दिया, जब जांच अधिकारी ने केजरीवाल की अनुपस्थिति के कारण उनसे पूछताछ न हो पाने की जानकारी देते हुए अतिरिक्त समय मांगा। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल की अदालत ने जांच अधिकारी से कहा कि मामले की जांच जल्द पूरी की जाए और तीन दिसंबर को अगली सुनवाई पर अदालत के सामने रिपोर्ट पेश की जाए।
जांच अधिकारी ने अदालत को बताया कि मामले में पूर्व आप विधायक गुलाब सिंह और निगम पार्षद नीतिका शर्मा से पूछताछ की जा चुकी है, लेकिन केजरीवाल के उस समय दिल्ली में मौजूद न होने के कारण उनका बयान दर्ज नहीं किया जा सका। इससे पहले 29 सितंबर को हुई सुनवाई में भी अदालत ने पुलिस को जांच पूरी करने के लिए समय दिया था।
सार्वजनिक संपत्ति पर बैनर-होर्डिंग लगाने से जुड़ा है मामला
यह मामला वर्ष 2019 में द्वारका क्षेत्र में सार्वजनिक संपत्ति पर बैनर-होर्डिंग लगाने से जुड़ा है। शिकायतकर्ता शिव कुमार सक्सेना की याचिका पर अदालत ने 11 मार्च 2025 को आदेश पारित करते हुए संबंधित थाने को प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अरविंद केजरीवाल, तत्कालीन मटियाला विधायक गुलाब सिंह और द्वारका ए वार्ड की पार्षद नीतिका शर्मा ने सार्वजनिक स्थानों पर अपने नाम और तस्वीरों वाले बैनर-होर्डिंग लगाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया।
इस मामले में एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पहले सितंबर 2022 में शिकायत खारिज कर दी थी, लेकिन 21 जनवरी 2025 को सत्र अदालत ने उस आदेश को रद करते हुए मामले पर दोबारा विचार करने का निर्देश दिया था।
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