MCD से वापस ली गई चांदनी चौक की सफाई व्यवस्था, अब निजी हाथों में सौंपने की चल रही तैयारी
दिल्ली के चांदनी चौक की सफाई व्यवस्था फिर से निजी हाथों में जा सकती है। पहले यह व्यवस्था निजी कंपनी के पास थी, पर बाद में एमसीडी को सौंप दी गई थी, जिससे सफाई व्यवस्था चरमरा गई। मुख्यमंत्री की नाराजगी के बाद एसआरडीसी ने एमसीडी से सफाई व्यवस्था वापस लेकर पीडब्ल्यूडी को देने का फैसला किया है। पीडब्ल्यूडी निजी कंपनियों को यह काम सौंप सकती है, जिसका व्यापारियों ने स्वागत किया है।

MCD से वापस ली गई चांदनी चौक की सफाई व्यवस्था, अब निजी हाथों में सौंपने की चल रही तैयारी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में फिर एक सड़क की सफाई व्यवस्था निजी कंपनी को देने की तैयारी है। यह है लाल जैन मंदिर से फतेहपुरी चौक तक चांदनी चौक का 1.3 किमी लंबा मुख्य मार्ग।
एक वर्ष पूर्व भी इस सड़क के साथ उसके फुटपाथ तथा सेंट्रल वर्ज की सफाई व्यवस्था एक निजी कंपनी के हाथ थी। पर पिछले वर्ष कंपनी को भुगतान को लेकर विवाद के बीच पीडब्ल्यूडी ने चांदनी चौक की सफाई व्यवस्था एमसीडी को सौंप दी थी।
लेकिन, उसके बाद इस ऐतिहासिक शहर की सफाई व्यवस्था व लाल पत्थरों से निर्मित सड़क, सेंट्रल वर्ज व फुटपाथ कूड़े के ढेर में तब्दील होते जा रहे थे। चमकते चांदनी चौक की सड़क काले धब्बे और पान की पीको से बदरंग होने लगे थे, जिसकी शिकायत यहां के दुकानदारों के साथ ही खरीदार व पर्यटक भी कर रहे थे।
गत 25 सितंबर को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने चांदनी चौक के निरीक्षण के दौरान चांदनी चौक की बदतर सफाई व्यवस्था को देखकर नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को सुधार के निर्देश दिए थे।
आखिरकार करीब एक साल की बदहाली के बाद नौ अक्टूबर को शाहजहांनाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी) की हुई बैठक में एमसीडी से सफाई व्यवस्था पीडब्ल्यूडी को वापस देने का निर्णय लिया गया। विशेष बात कि इस मद में खर्च का जिम्मा एसआरडीसी उठाएगी।
पीडब्ल्यूडी के जानकारों का कहना है कि उसके पास सफाई व्यवस्था को लेकर कोई कर्मी या व्यवस्था नहीं है। इसलिए चांदनी चौक की सफाई व्यवस्था निजी कंपनियों को सौंपी जा सकती है। वहीं, एसआरडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पीडब्ल्यूडी को देखना है कि वह सफाई व्यवस्था किससे कराती हैं।
वैसे, इस निर्णय का यहां के व्यापारी स्वागत करते हैं। चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव कहते हैं कि यह अच्छा निर्णय है, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि सिविक एजेंसियों में भुगतान विवाद के चलते फिर इस ऐतिहासिक शहर की सफाई व्यवस्था फिर से बेपटरी न हो।
बदतर है सफाई व्यवस्था
पिछले वर्ष सितंबर में जब निजी कंपनी से सफाई व्यवस्था लेकर एमसीडी को सौंपने की बात चली थी, तभी एमसीडी ने कर्मियों की कमी तथा मशीनों के अभाव का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर लिए थे, लेकिन सरकार से दबाव बढ़ने पर उसने सफाई व्यवस्था संभाली थी।
लेकिन, वह केवल खानापूरी ही रहा। उसके द्वारा केवल झाड़ू लगाने तथा कूड़े उठाने का ही काम किया जा रहा है। उसमें भी वह फेल है। जगह-जगह कूड़े के ढेर है। गंदगी पूरे सड़क से लेकर फुटपाथ व सेंट्रल वर्ज पर फैली हुई है।
क्यों चाहिए विशेष सफाई व्यवस्था
चांदनी चौक की 1.3 किमी लंबी सड़क के साथ फुटपाथ और सेंट्रल वर्ज लाल पत्थरों के बने हुए हैं। बोलार्ड, गमले व बेंच भी लाल पत्थरों के है, जिन्हें प्रतिदिन पानी से धुलाई व घिसाई की आवश्यकता है। इसी तरह, यह अत्यधिक भीड़ भाड़ वाला क्षेत्र है तो लगातार झाड़ू लगाने तथा कूड़ा उठाना आवश्यक है।
जब वर्ष 2021 में इस क्षेत्र का पुनर्विकास हुआ था तभी तय किया गया था कि इसकी सफाई व्यवस्था निजी कंपनी संभालेगी। इसके लिए निजी कंपनी द्वारा 200 कर्मी तैनात किए गए थे, लेकिन कंपनी को साढ़े तीन करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर पीडब्ल्यूडी और एमसीडी में ऐसा पेंच फंसा कि फिर व्यवस्था बदहाल हो गई।
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