दिल्ली में चांदनी चौक के 22 बूम बैरियर का मामला कानूनी पेंच में फंसा, नहीं मिलेगी राहत
चांदनी चौक में लगे बूम बैरियर से स्थानीय लोगों को राहत मिलने की उम्मीद कम है। एसआरडीसी ने कानूनी अड़चनों के कारण हाथ खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद, यातायात प्रबंधन योजना और उच्च न्यायालय के आदेशों के कारण बूम बैरियर को हटाना मुश्किल है। अधिकारियों का कहना है कि बूम बैरियर हटाने से मोटर वाहन रहित क्षेत्र बनाने के लक्ष्य में बाधा आएगी।
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नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। दिल्ली में चांदनी चौक में प्रवेश मार्गों पर लगे बूम बैरियर व बोलार्ड से राहत के फिलहाल आसार नहीं है। इसे हटाने के लिए अब शासन स्तर पर बड़ा निर्णय लेकर कार्रवाई करनी होगी। शाहजहांनाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी) की बैठक में अधिकारियों ने मामले में कानूनी पेंचों को देखते हुए हाथ खड़े कर लिए हैं।
यह मामला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के 25 सितंबर को चांदनी चौक के निरीक्षण के दौरान उठा था, जब उनसे स्थानीय निवासियों ने बूम बैरियर से हो रही समस्याओं का मामला उठाया। मुख्यमंत्री ने भी संपर्क मार्गों पर लगे बूम बैरियर और उससे बचे स्थान पर लगे सीमेंट के बोलार्ड को गलत बताते हैं कि ऐसे में झूककर कैसे आ जा पाएगा। इससे महिलाओं को काफी दिक्कतें आती होंगी।
ऐसे में उन्होंने तत्काल ही मौके पर मौजूद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को उसे हटाने के कानूनी विकल्पों पर विचार करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद से यहां के निवासियों तथा दुकानदारों के एक तबके को इससे राहत मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन यह मामला इतना आसान नहीं है।
एसआरडीसी ने नौ अक्टूबर को विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें दिल्ली पुलिस, यातायात पुलिस, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, राजस्व विभाग व एसआरडीसी के अधिकारी शामिल रहे।
बैठक के मीनिट्स के अनुसार, एसआरडीसी के डीजीएम (परियोजना व प्रशासन) एस सुनील ने बैठक में बताया कि चांदनी चौक के पुनर्विकास की परियोजना यूटीपेक एकीकृत यातायात और परिवहन अवसंरचना (योजना एवं इंजीनियरिंग) केंद्र से अगस्त 2018 में स्वीकृत है। जिसमें तय किया गया है कि सुबह नौ बजे से रात्रि नौ बजे तक लाल किले से फतेहपुरी मस्जिद तक की सड़क मोटर वाहन मुक्त (एनएमवी) रहेगी।
एनएमवी क्षेत्र को लागू करने के लिए यातायात पुलिस द्वारा यातायात प्रबंधन योजना (टीएमपी) तैयार की गई है। जिसे 16 जून 2021 को दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने अधिसूचना जारी की थी। जिसमें तय किया गया था कि केवल एमसीडी, दिल्ली पुलिस तथा आपातकालीन वाहनों को ही इससे छूट रहेगी। बाद में इसमें बैंकों को नगद लाने वाले वाहनों को भी जोड़ा गया।
बाकि मोटर वाहनों का प्रवेश चांदनी चौक के 1.3 किमी लंबे एनएमवी मार्ग पर रोकने के लिए दरीबा, भागीरथ पैलेस, नई सड़क, बल्लीमारान, फतेहपुरी चौक समेत अन्य संपर्क मार्गों पर कुल 22 बूम बैरियर लगाए गए हैं।
दिल्ली यातायात पुलिस (मध्य) के डीसीपी निशांत गुप्ता ने बताया कि इसी वर्ष जुलाई में संपर्क मार्गों के किनारे पीडब्ल्यूडी ने सीमेंट के बोलार्ड भी लगाए हैं, क्योंकि बूम बैरियर के बाद भी बचे जगहों से अवैध रूप से ईरिक्शा व दोपहिया वाहनों का प्रवेश मुख्य मार्ग पर हो रहा था।
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उन्होंने कहा कि अगर बोलार्ड और बूम बैरियर हटाए जाते हैं तो इससे मुख्य मार्ग को मोटर वाहन रहित क्षेत्र बनाने के लक्ष्य में बाधा होगी। दूसरे अगर, बूम बैरियर को हटाकर केवल पत्थरों के बोलार्ड लगाए जाते हैं तो इससे आपातकालीन वाहनों के साथ नगद वाहन और एमसीडी व दिल्ली पुलिस के वाहनों का भी प्रवेश नहीं हो सकेगा। इसलिए यह व्यवहारिक नहीं है। मामले के इस व्यवहारिक व कानूनी पक्ष से मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया गया है।
आ चुके हैं हाइकोर्ट के कई आदेश
बूम बैरियर मामले पर पूर्व में अगस्त 2022,फरवरी 2023, नवंबर 2023 समेत अन्य सुनवाईयों में हाइ कोर्ट के कई निर्देश आदेश आ चुके हैं। जिसमें इसके वैधानिक को स्वीकृति देते हुए इसके रखरखाव के लिए समय-समय पर सिविक एजेंसियों व व्यापारियों को निर्देशित किए हैं।
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