दिल्ली के छठ घाटों पर बिछी बिहार चुनाव की बिसात, यमुना की आड़ में कैसे तैयार किया मास्टर प्लान?
दिल्ली के छठ घाटों पर बिहार चुनाव की चर्चा जोरों पर दिखी। यमुना नदी में छठ पूजा की अनुमति और घाटों पर बेहतर व्यवस्था से श्रद्धालु खुश दिखे। लोगों का मानना था कि दिल्ली सरकार के छठ पूजा के इंतजामों का असर बिहार चुनाव पर पड़ेगा। घाटों पर बिहार के विभिन्न जिलों से आए लोग सरकार की व्यवस्था की सराहना करते नजर आए।

नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। बिहार के विधानसभा चुनाव में जीत का एक रास्ता दिल्ली के 1,000 से अधिक छठ घाटों से होकर भी निकल सकता है। दिल्ली में रहने वाले बिहार मूल के 25 लाख लोगों की आस्था छठ के मौके पर हिलोरे ले रही थी। छठ व्रती सूर्य पुत्री यमुना में डुबकी लगाकर भगवान भाष्कर को अर्घ्य देने पर अभिभूत थे। मुख्य मार्गों से घाट तक बिछी कारपेट पर बिहार के रहने वालों का स्वागत खास था।
यमुना का जल बदबू नहीं दे रहा था, बल्कि छठी मईया के भक्तिभाव के राग में सुकून दे रहा था। प्रकाश के इंतजाम हों या सांस्कृतिक आयोजन, सुरक्षा व सफाई की व्यवस्था हो या कपड़े बदलने का इंतजाम, लग नहीं रहा था कि ये बिहार, नहीं दिल्ली के घाट हैं। कुछ लोगों के उद्गार से भी बेहतर व्यवस्था दिल्ली में होने के थे।
यह बदलाव रातों-रात नहीं हुए। इनके पीछे रेखा गुप्ता सरकार के महीनों के प्रयास और प्रतिबद्धता थी, जिसने छठ पूजा को दिल्ली का अपना त्योहार बना दिया। अपने पहले लोकआस्था के महापर्व को शानदार तरीके से संपन्न कराने को लेकर सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी।
सबसे बड़ा निर्णय यमुना नदी में श्रद्धालुओं को पूजा करने की अनुमति देने का रहा, जो पिछले पांच साल से प्रतिबंधित था। दूसरे, यमुना जल की गुणवत्ता में सुधार को लेकर उठाए गए कदमों से पहली बार छठ घाट पर जल से बदबू की जगह कलकल जल की आवाज और उसकी खुशबू आ रही थी।
इसी तरह, घाट पर व्रतियों तथा श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का इंतजाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। सोमवार को जब अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने लाखों व्रती व श्रद्धालु पूरी दिल्ली से यमुना घाटों के साथ-साथ कृत्रिम घाटों पर गए तो उनके जुबान पर सरकार के इंतजाम की बड़ाई साथ बिहार चुनाव की चर्चा थी।
लोगों ने एक स्वर में कहा कि छठ पूजा को लेकर जिस तरह से दिल्ली सरकार ने इंतजाम किए हैं और व्यवस्थाएं दी है, वह अद्भूत है। निश्चित ही इनका असर बिहार विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा।
ऐसा लग रहा था मानो दिल्ली के छठ घाटों पर पूरा बिहार उमड़ा पड़ा हो। श्रद्धालुओं में बिहार के हर जिले के लोग थे। पटना, भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार, दरभंगा बेगूसराय, सहरसा समेत अन्य स्थानों के लोग, भाजपा सरकार के इंतजामों को सराहते मिले।
यह भी पढ़ें- दिल्ली सीएम ने ITO स्थित हाथी घाट पर उगते सूर्य को दिया अर्घ्य, कहा- छठी मईया ने दिया श्रद्धालुओं की सेवा का अवसर
मैं, आईजीआई एयरपोर्ट में काम करती हूं। पहली बार यहां आकर अच्छा लगा। पहली बार घाटों को इतना विस्तार दिया गया है कि लोग आराम से स्नान कर अर्घ्य दे सकें। बैठ सकें। अन्यथा धक्का-मुक्की की स्थिति रहती थी। खास बात है कि महिलाओं को कपड़े बदलने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। - प्रेरणा, समस्तीपुर
मैं, दिल्ली के दरियागंज में 2002 से हूं, तब से छठ घाट पर नियमित आता रहा हूं, लेकिन इस बार जो व्यवस्था है वह वाकई में शानदार है। पहली बार महसूस कर रहा हूं कि यमुना के जल से बदबू नहीं आ रही है। बहुत वर्षों बाद यमुना के जल में डूबकी लगाकर पूजा की जा रही है। इसका फर्क निश्चित ही बिहार चुनाव में पड़ेगा- क्योंकि, बहुत सारे लोग मतदान करने बिहार जाएंगे और कई लोग बिहार में अपने परिवार को भाजपा सरकार का महत्व बताएंगे। - अमरजीत पासवान, दरभंगा
दिल्ली में रह रहे बिहार के लोगाें का जो मनोभाव बनेगा, उसका असर निश्चित ही बिहार चुनाव में दिखेगा। दिल्ली राजनीति के केंद्र में रहा है। - वीरू चौधरी, मोतिहारी
मैं, 22 वर्ष से गणेश नगर में हूं। इस बार घाटों पर व्यवस्था उत्तम है। किसी भी इंतजाम को ले लें। यह बताती है कि इसके लिए प्रतिबद्धता की आवश्यकता है। पहली बार लग रहा है कि हम भी दिल्ली के निवासी हैं और छठ यहीं का त्यौहार है। यहां छठ पर्व पर दिल्ली की भाजपा सरकार के इंतजाम, बिहार चुनाव में पार्टी के प्रति सकारात्मक माहौल बनाएंगे। - अमरदीप कुमार, समस्तीपुर

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।