मुठभेड़ में ढेर हुए बदमाशों का नेपाल कनेक्शन, बिहार चुनाव से पहले खुली मोस्ट वांटेड की क्राइम कुंडली
Delhi Encounter: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली और बिहार पुलिस ने मुठभेड़ में चार मोस्ट वांटेड बदमाशों को मार गिराया है, जिनका नेपाल कनेक्शन सामने आया है। मुठभेड़ में ढेर हुए मोस्ट वांटेड अपराधियों की क्राइम कुंडली खुलनी शुरू हो गई है। इन अपराधियों का सफाया चुनाव से पहले पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता है, जिससे शांति व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Delhi Encounter बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के चार मोस्ट वांटेड को दिल्ली में मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। बिहार पुलिस और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में ये बदमाश मारे गए हैं। बताया गया कि बिहार पुलिस ने कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाला हुआ था।
बिहार पुलिस को इन बदमाशों की लोकेशन नहीं मिल रही थी, लेकिन बुधवार की देर रात को बिहार पुलिस का दिल्ली में गैंग के चार बदमाशों से सामना हो गया। जिसके बाद पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ में बिहार के चार मोस्ट वांटेड मारे गए हैं।
बिहार के डीजी ने कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस कमिश्नर सतीश गोलचा से कहा था कि सीतामढ़ी का कुख्यात रंजन पाठक अपने गिरोह के कुछ बदमाशों के साथ दिल्ली में छिपा हुआ है। उन्हें पकड़ने के लिए मदद करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने क्राइम ब्रांच को इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी।
सीतामढ़ी का यह गिरोह बेहद कुख्यात माना जाता है। बिहार पुलिस से गिरोह के कई बदमाशों पर इनाम भी है। दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजीव कुमार यादव के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बुधवार देर रात करीब 2.30 बजे बेगमपुर इलाके में जब बदमाशों को घेरा तो बदमाशों ने पुलिस टीम पर गोलियां चलानी शुरू कर दी।
इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने भी गोलियां चलानी शुरू कर दी, जिसमें चारों बदमाश गोलियां लगने से घायल हो गए। उन्हें उपचार के लिए पास के अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया।
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मुठभेड़ में ढेर हुए बदमाशों की हुई पहचान
पुलिस के अनुसार, सीतामढ़ी में हत्या के पांच मामले में रंजन पाठक वांटेड था। ये हत्याएं पिछले तीन चार माह के दौरान की गई थी। मुठभेड़ में ढेर हुए चारों अपराधियों की पहचान हो गई है। सीतामढ़ी जिले के सुरसंड थाना क्षेत्र के मलाही गांव निवासी मनोज पाठक का पुत्र रंजन पाठक (25), बाजपट्टी थाना क्षेत्र के रतवारा गांव निवासी बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी (25), शिवहर जिले के दोस्तियां गांव निवासी अमन ठाकुर (21) और दिल्ली के करावल नगर का शेरपुर गांव निवासी मनीष पाठक (33) शामिल हैं।
कौन था रंजन पाठक
गैंग का सरगना रंजन पाठक बिहार के अपराध जगत का जाना-पहचाना नाम था। बताया गया कि सीतामढ़ी में एक हाई-प्रोफाइल हत्या के बाद उसने मीडियाकर्मियों को अपना ‘क्रिमिनल बायोडाटा’ तक भेज दिया था। उसका मकसद आम लोगों में डर और अपराध की दुनिया में अपनी पहचान बनाना था।
बिहार पुलिस के मुताबिक, हाल ही में इस गैंग का एक ऑडियो कॉल भी सामने आया था, जिसमें रंजन अपने साथियों से बिहार चुनाव से पहले दहशत फैलाने की बात कर रहा था। इतना ही नहीं अपने साथियों से यह भी कहते नजर आ रहा था कि इतनी हत्या करो कि चुनाव से पहले एसपी का तबादला हो जाए।
वहीं, दूसरा मारा गया बदमाश बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश साहनी रंगदारी और हथियार तस्करी में सक्रिय था। वह रंजन का दाहिना हाथ माना जाता था। तीसरा अपराधी मनीष पाठक कई हत्याओं और अपहरण के मामलों में वांटेड था।
बिहार में आज से शुरू होगा चुनाव प्रचार
बिहार को चुनाव के दौरान दहलाने की साजिश रचने वाले गिरोह के चार कुख्यात को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम ने ढेर कर बड़ी सफलता हासिल की है। बिहार में चुनाव प्रचार आज से शुरू होना है।
नेपाल से ऑपरेट होता है यह गिरोह
यह गिरोह नेपाल से ऑपरेट होता था। सीतामढ़ी और आसपास के जिले में हत्या या अन्य कोई वारदात करने के बाद सरगना हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए मीडिया को अपना पूरा बायोडाटा भी भेजता था। बायोडाटा में गिरोह के पूरे कारनामे के बारे में जिक्र होता था कि गिरोह अब तक कितने वारदात को अंजाम दे चुका है।

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