बाहरी दिल्ली में फिरनी रोड पर ढाई फीट तक भरा पानी, ऐतिहासिक तालाब भी कूड़े से भरा; खस्ता हालत से लोग परेशान
मुंडका गांव की फिरनी रोड की हालत खस्ता है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं। सड़क में बड़े गड्ढे और जलभराव दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। अधूरा निर्माण कार्य और पानी की निकासी न होने से स्थिति और खराब है। वहीं, गांव का ऐतिहासिक तकिया तालाब भी कूड़े से भरा है, जिससे बीमारियां फैलने का खतरा है।
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संवाद सहयोगी, बाहरी दिल्ली। बाहरी दिल्ली में मुंडका गांव की फिरनी रोड की बदहाल स्थिति लोगों के लिए आफत बनी हुई है। ग्रामीणों सहित दुकानदारों व व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामान करना पड़ रहा है।
करीब चार से पांच किलोमीटर की फिरनी रोड मुंडका गांव की मुख्य सड़क है। जिससे न केवल मुंडका बल्कि आसपास के ग्रामीण व अन्य लोग भी गुजरते हैं। लेकिन इस सड़क मार्ग का करीब दो किलोमीटर का हिस्सा पूरी तरह से खस्ता हो चुका है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे और जलभराव दुर्घटनाओं का कारण बन रहा है।
इस सड़क को बने करीब 10 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है और एक वर्ष पूर्व सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। लेकिन सड़क का कुछ हिस्सा बनाया गया और उसके बाद आगे का काम रोक दिया गया। पानी की निकासी न होने से सड़क पर जलभराव कई सालों से बना हुआ है। जबकि सफाई न होने की वजह से नाले ओवरफ्लो होते हुए नजर आए। इस सड़क से गुजर से वाहन चालक व मालवाहक रिक्शा चालक डर के साए में निकलते हैं।
ढाई फुट तक भरा है पानी
फिरनी रोड पर सैनी धर्मशाला से लेकर बक्करवाला रोड तक सड़क पर एक से ढाई फीट तक पानी भरा हुआ है। इस बीच सड़क मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। दिल्ली जल बोर्ड के कार्यालय के पास स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। जहां से वाहन चालक नहीं निकल सकते।
हालात यह है कि यहां लगभग ढाई से तीन फुट पानी भरा हुआ है। ऐसे में न जाने कब पानी के नीचे सड़क में गड्ढा आ जाए और कोई भी गड्ढे में गिरकर हादसे का शिकार हो जाए। सड़क की बदहाली के कारण दुकानदारी पर असर पड़ता दिखाई दे रहा है।
दयनीय हालत में है मुंडका गांव का ऐतिहासिक तकिया तालाब
मुंडका गांव का ऐतिहासिक तकिया तालाब दयनीय हालत में है। तालाब के पानी में कूड़ा-कचरा इस कदर फैला हुआ है कि पूरे तालाब में कूड़ा तैरता रहता है। जबकि पानी से आने वाली बदबू लोगों के परेशानी बनी हुई है। तालाब के साथ भीमराव अंबेडकर पार्क है, जहां लोग टहलने के लिए और बच्चे खेलने के लिए आते है।
पार्क की दीवार टूटी होने की वजह से बच्चों व लोगों का तालाब में गिरने का खतरा भी बना हुआ है। तालाब से चंद कदमों की दूरी पर डाकघर व कई डिस्पेंसरी भी है। जहां आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई दशकों से तालाब की सफाई नहीं की गई। ग्रामवासियों ने स्वयं ही तालाब को साफ करने का प्रयास किया। लेकिन नालों का गंदा पानी तालाब में जाकर गिरता है और मच्छर पनपते है। जिसकी वजह से बीमारियां फैलने का खतरा भी लगातार बना हुआ है।
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मैं कई वर्षों से इस सड़क से लगातार आवाजाही करता हूं। फिरनी रोड से निकलना इतना जोखिमभरा है कि कभी-भी कोई भी हादसा हो जाता है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे और जलभराव लोगों के लिए आफत बना हुआ है। आए दिन यहां रिक्शा व गाड़ियां पलटती और लोग चोटिल हो जाते है। - मुकेश, कामकाजी
मुझे यहां 12 वर्ष हो चुके है। मैं इस सड़क की हालत इसी तरह से देख रहा हूं। फिरनी रोड की इस हालत की वजह से हमारी दुकानदारी ठप पड़ चुकी है। ग्राहक क आने के लिए रास्ता ही नहीं है। हमें उम्मीद थी कि जल्द ही हालात सुधरेंगे। लेकिन स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे है। - कुंदन, दुकानदार
तालाब की चारदीवारी न होने से हादसों का डर बना रहता है। एक शख्स की तालाब में गिरने से मौत हो गई थी। वो सामने वाटिका में बरात में आया था और उसकी कार तालाब के किनारे खड़ी थी। अचानक उसकी कार तालाब में गिर गई। जिसमें वो खुद मौजूद था। - ओम प्रकाश, ग्रामवासी
तालाब में इतनी गंदगी है कि पास से गुजरना मुश्किल हो चुका है। क्योंकि पानी से बदबू आती है। मच्छर की वजह से बीमारियां फैल रही है। मानसून में यह पानी आसपास के घरों तक में भर जाता जाता है। किसी भी नेता या प्रशासन के अधिकारी ने इसकी सुध नहीं ली। - श्यामलाल, ग्रामवासी

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