'AAP को भ्रष्टाचारियों से इतना प्रेम क्यों है?' दिल्ली के गृह मंत्री का हमला- सबूत दें या मांगें माफी
मंत्री आशीष सूद ने आम आदमी पार्टी (आप) पर चुनाव हारने के दस महीने बाद भी झूठ और दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आप इंटरनेट मीडिया के ...और पढ़ें

दिल्ली सरकार में गृह मंत्री आशीष सूद।
वीके शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर आम आदमी पार्टी (आप) पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव में हार के दस महीने बाद भी आप पार्टी हार नहीं पचा पाई है और लगातार इंटरनेट मीडिया के जरिए झूठ और दुष्प्रचार फैला रही है।
मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने के लिए पूरे दिन योजनाबद्ध कैंपेन चलाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर प्रशासन और सरकार के खिलाफ भ्रम फैलाया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर यह झूठ फैलाया गया कि शिक्षकों को आवारा कुत्तों की गिनती के काम में लगाया गया है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर ऐसा कोई सर्कुलर या आदेश मौजूद है, तो आम आदमी पार्टी उसे सार्वजनिक करे, अन्यथा जनता से माफी मांगे।
उन्होंने कहा कि तहसीलदार और सब-इंस्पेक्टर के सस्पेंशन के मामलों में भी प्रशासन के खिलाफ गलत नैरेटिव फैलाया गया। जब भी भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई होती है, आम आदमी पार्टी उनके समर्थन में खड़ी नजर आती है।
आशीष सूद ने सवाल उठाया कि आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचारियों से इतना प्रेम क्यों है? उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त और निष्पक्ष कार्रवाई कर रही है और आगे भी यह अभियान जारी रहेगा।
मंत्री ने 25 तारीख को फैलाए गए एक और कथित झूठ का जिक्र करते हुए कहा कि यह अफवाह उड़ाई गई कि सांता क्लॉज बनकर आने वाले बच्चों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने सवाल किया कि अगर ऐसा कोई आदेश था तो उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?
इसके अलावा DSSSB की आयु-सीमा बढ़ाने को लेकर भी आम आदमी पार्टी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया गया। मंत्री ने कहा कि DSSSB दिल्ली सरकार के अधीन आता है और भर्ती उसकी जिम्मेदारी है, बावजूद इसके केंद्र सरकार का बहाना बनाकर जनता को गुमराह किया गया।
प्रेसवार्ता के अंत में मंत्री आशीष सूद ने फिर दोहराया कि अगर शिक्षकों से कुत्तों की गिनती कराने का कोई आदेश है, तो आम आदमी पार्टी उसे सार्वजनिक करे, अन्यथा झूठ फैलाने के लिए माफी मांगे।
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