गैंगस्टर अनमोल 11 दिन की NIA हिरासत में, एजेंसी ने कहा- बब्बर खालसा सिंडिकेट का अहम सदस्य है बिश्नोई
वांटेड गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को कोर्ट में पेशी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 11 दिन की हिरासत में ले लिया है। बिश्नोई पर 18 गंभीर अपराधों के आरोप हैं और पुलिस को उसकी तलाश थी। अब एनआईए उससे इन मामलों में पूछताछ करेगी।

एनआईए की गिरफ्त में आया गैंग्स्टर अनमोल बिश्नोई।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वांछित गैंग्स्टर अनमोल बिश्नोई को पटियाला हाउस कोर्ट ने 11 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। वैसे तो दलील देते हुए एनआईए ने वांछित गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई की 15 दिन की हिरासत मांगी थी। एनआईए ने कहा कि वह बीकेआई (बब्बर खालसा इंटरनेशनल) गैंगस्टर सिंडिकेट का बहुत महत्वपूर्ण सदस्य है। उससे खालिस्तानी कनेक्शन के मामले में भी पूछताछ की जाएगी।
कई संगीन अपराधों में दर्ज है नाम
बता दें कि गैंग्स्टर लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई बुधवार को ही अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण करके लाया गया है। उसे एयरपोर्ट पर ही एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उसे एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। जहां सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे 11 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेजने का आदेश दिया। अनमोल बिश्नोई पर देश भर में कम से कम 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें पूर्व महाराष्ट्र मंत्री और एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या की कथित साजिश से जुड़े आरोप भी शामिल हैं।
दलील में गिनाए अपराधों की फेहरिश्त
एनआईए ने 15 दिन की हिरासत की मांग करते हुए दलील दी थी कि अनमोल बिश्नोई पर 35 से अधिक हत्या, 20 से अधिक अपहरण, धमकी और हिंसा के मामले दर्ज हैं। एजेंसी ने दलील में कहा कि केवल हिरासत में पूछताछ से ही उनके सहयोगी, हैंडलर और फंडिंग नेटवर्क का पता लगाया जा सकता है। पूछताछ से कई मामलों में अहम सफलता मिल सकती है।
गिरोह की जानकारी मिलेगी पूछताछ से
एनआईए ने तर्क दिया कि अनमोल बिश्नोई ने दो भारतीय पासपोर्ट भी रखे हैं, जिनमें से एक फर्जी है। एजेंसी ने दलील दी कि अनमोल से मिली जानकारी से गिरोह से जुड़े और लोगों की पहचान हो सकती है। अनमोल बिश्नोई को एनआइए की टीम ने आईजीआई एयरपोर्ट से सीधे कोर्ट लेकर पहुंची। कोर्ट में विशेष न्यायाधीश प्रशांत शर्मा ने इन कैमरा सुनवाई की।
डी कंपनी से की तुलना
एनआईए ने कहा कि लारेंस बिश्नोई गिरोह ने गोल्डी ब्रार, सच्चिन थापन, विक्रम ब्रार और अनमोल बिश्नोई जैसे सहयोगियों की मदद से नेटवर्क का विस्तार किया। 2020 तक इस गिरोह के 700 से अधिक सदस्य थे और यह करोड़ों रुपए की सालाना कमाई कर रहा था। एजेंसी ने इसे दाऊद इब्राहिम के डी-कंपनी से तुलना करते हुए कहा कि अनमोल का नेटवर्क उत्तर भारत में कानून-व्यवस्था को अस्थिर करने के लिए आतंक, हत्या और वसूली में सक्रिय था।

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