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    अल फलाह यूनिवर्सिटी पर कसता जा रहा कानूनी शिकंजा, बिना मान्यता ही मेडिकल कॉलेज चलाने पर धोखाधड़ी की FIR दर्ज

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 10:59 PM (IST)

    अल फलाह यूनिवर्सिटी बिना मान्यता के मेडिकल कॉलेज चलाने के आरोप में कानूनी मुश्किलों में घिर गई है। यूनिवर्सिटी के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई है, जिससे उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और यूनिवर्सिटी को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।

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    फाइल फोटो।

    जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए आतंकवादी हमले में डाॅ. शाहीन, डाॅ. उमर और डाॅ. मुजम्मिल का नाम आने के बाद से हरियाणा के धौज स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी जांच के घेरे में है। तीनों यहीं मेडिकल फैकल्टी थे। अब मामले में एक नया मोड़ आया है।

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    लंबे समय से नहीं थी मान्यता

    क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक जिस यूनिवर्सिटी के अधीन मेडिकल काॅलेज संचालित है, वो लंबे अरसे से बिना मान्यता के ही संचालित था। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने दो अलग-अलग एफआइआर दर्ज की। क्राइम ब्रांच की टीम शनिवार को जामिया नगर स्थित अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट पहुंची। कर्मचारियों से पूछताछ करने के साथ ही दस्तावेजों की जांच की।

    कागजों को नवीनीकरण ही नहीं कराया गया

    क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक यूजीसी और नैक दोनों की ओर से संस्थान के कामकाज की समीक्षा की जा रही है। जांच के दौरान ''बड़ी अनियमितताओं'' को चिन्हित किया गया। यूनिवर्सिटी का दावा था कि नैक से उसे यूनिवर्सिटी का एक्रीडिटेशन मिला है, जबकि इसकी समय-सीमा समाप्त हो चुकी थी, जिसका नवीनीकरण ही नहीं कराया गया।

    करीब सात घंटे तक टीम करती रही जांच

    इस पर यूजीसी और नैक की शिकायत पर अल फलाह यूनिवर्सिटी के कथित रूप से झूठे मान्यता दावों को लेकर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में एफआइआर दर्ज की गई। जांच का जिम्मा क्राइम ब्रांच की इंटर स्टेट सेल को सौंपा गया। सुबह लगभग 11 बजे टीम जामिया नगर में ट्रस्ट के दफ्तर पहुंची। करीब सात घंटे टीम यहां रही। कर्मचारियों, पदाधिकारियों से सात घंटे तक पूछताछ चलती रही।

    कार्यशैली पर भी सवाल उठाए

    ट्रस्ट और यूनिवर्सिटी से संबंधित कागजातों की जांच करने के बाद टीम अहम दस्तावेज अपने साथ ले गई। इस पूरे घटनाक्रम में ट्रस्ट के दफ्तर के आस-पास जुटे लोगों ने नैक, यूजीसी समेत नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। लोगों ने हैरानी जताई कि इन संस्थाओं की नाक के नीचे बिना मान्यता वाले यूनिवर्सिटी में मेडिकल काॅलेज भी संचालित होता रहा और इन्हें पता भी नहीं चला।

    वर्ष 2014 में मिला था यूनिवर्सिटी का दर्जा

    अल फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट ने वर्ष 1997 में हरियाणा के धौज में इंजीनियरिंग काॅलेज की स्थापना की। वर्ष 2010 में इसे नैक से ए ग्रेड मिला, तो वहीं 2014 में ट्रस्ट की यूनिवर्सिटी को हरियाणा विधानसभा में मान्यता दी। वर्ष 2019 में मेडिकल काॅलेज की शुरुआत हुई। यूनिवर्सिटी में 200 फैकल्टी और लगभग 1500 विद्यार्थी हैं।

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