वायु प्रदूषण पर हाईकोर्ट ने कहा, 'दिल्ली में आपातकालीन स्थिति, एयर प्यूरीफायर पर GST कम करें'
दिल्ली हाई कोर्ट ने एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत के बजाय 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने पर विचार करने को कहा है, क्योंकि दिल्ली में वायु प्रदूषण एक आपातकालीन ...और पढ़ें
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दिल्ली हाईकोर्ट। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। एयर प्यूरीफायर को चिकित्सा उपकरण नियम 2017 के तहत 'चिकित्सा उपकरण' की श्रेणी में रखने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण आपातकालीन है और ऐसे में एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत के बजाय पांच प्रतिशत जीएसटी लगने पर विचार करें।
कोर्ट ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर कुछ भी न करने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक नागरिकों को शुद्ध हवा की जरूरत है, लेकिन अधिकारी ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। अधिवक्ता कपिल मदान ने याचिका में मांग की है कि इन पर लगने वाला वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत की जाए। वर्तमान में एयर प्यूरीफायर पर 18 प्रतिशत कर लगता है।
यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी 2020 की अधिसूचना के तहत हवा शुद्ध करने वाला यंत्र 'चिकित्सा उपकरण' के मानदंडों को पूरा करता है।
कोर्ट ने कहा कि एयर प्यूरीफायर उपलब्ध कराए जाएं। यह न्यूनतम उपाय है, जो सरकार कर सकती है। भले ही यह अस्थायी हो, अगले एक सप्ताह या एक महीने के लिए छूट दें, इसे केवल अस्थायी रूप से आपातकालीन स्थिति मानें।
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यह भी पूछा कि जीएसटी परिषद कब बैठेगी और आप निर्देश लेकर कब वापस आएंगे? हम इसे अनुपालन के लिए अवकाशकालीन पीठ के समक्ष रखेंगे। जैसा कि हम बात कर रहे हैं, हम सभी सांस ले रहे हैं। आप जानते हैं कि हम एक दिन में कितनी बार सांस लेते हैं, कम से कम 21,000 बार। जरा सोचिए कि आप दिन में 21,000 बार सांस लेकर अपने फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं, और यह अनैच्छिक है।

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