AI बदल देगा क्लासरूम के तौर-तरीके, फोटो क्लिक होते ही लगेगी हाजिरी; मोबाइल ट्रैकिंग और रियलटाइम निगरानी भी
दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के छात्रों ने एआई तकनीक पर आधारित एक ऑनलाइन/ऑफलाइन वीडियो क्लास प्लेटफॉर्म बनाया है, जो क्लास रूम की निगरान ...और पढ़ें

धर्मेंद्र यादव, बाहरी दिल्ली। डीटीयू (दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) के छात्रों ने एआई तकनीक आधारित ऐसा ऑनलाइन/ऑफलाइन वीडियो क्लास प्लेटफार्म तैयार किया है, जिससे जूम या गूगल मीट जैसे विदेशी कंपनियों के साफ्टवेयर पर निर्भरता कम की जा सकेगी और क्लास रूम की निगरानी एआई तकनीक से होगी।
शिक्षकों को एक-एक विद्यार्थी की हाजिरी लेने के झंझट से मुक्ति मिलेगी। शिक्षक को कुछ नहीं करना, बस क्लास में मौजूद बच्चों की अपने मोबाइल से एक फोटो खींचनी है। फोटो फ्रेम में आए सभी विद्यार्थियों की झट से हाजिरी लग जाएगी।
साथ ही क्लास रूम में मौजूद हर विद्यार्थी पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि पढ़ाई के दौरान मोबाइल चलाने, बात करने वाले विद्यार्थी पहचाने जा सकेंगे। यह साॅफ्टवेयर रियल-टाइम में काम करने के साथ-साथ बड़ी संख्या में यूज़र्स को संभाल सकता है। एआई तकनीक आधारित इस निगरानी तंत्र को डीटीयू अपने कैंपस में लागू करने की तैयारी कर रहा है।
विशेष बात यह है कि यह ऑनलाइन निगरानी तंत्र डीटीयू के विद्यार्थियों ने ही विकसित किया है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह की क्लास में छात्र का चेहरा (फेस रिक्ग्नेशन) देखकर और ब्ल्यू ट्रूथ से उपस्थिति दर्ज की जा सकेगी। पिछले दिनों हुए स्मार्ट इंडिया हैकथान में डीटीयू के ऑनलाइन वीडियो क्लास प्लेटफार्म ने प्रथम स्थान हासिल किया और डेढ़ लाख रुपये का पुरस्कार भी प्राप्त किया।
अपने विद्यार्थियों के बनाए साॅफ्टवेयर से उत्साहित डीटीयू प्रशासन ने अपने यहां इस्तेमाल करने की सैद्धांतिक तौर पर अनुमति दे दी है। उम्मीद है कि जल्द ही ट्रायल आधार पर कुछ क्लास रूम में इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल शुरू होगा।
साफ्टवेयर ऐसे करेगा काम
डीटीयू के छह विद्यार्थियों ने एआई तकनीक आधारित आनलाइन और आफलाइन वीडियो क्लास प्लेटफार्म तैयार किया है। टीम के प्रमुख छात्र आर्यन सूद ने बताया कि शिक्षण संस्थान के लिए छात्र उपस्थिति और कक्षा निगरानी का साॅफ्टवेयर तैयार किया है।
इससे दो तरीकों से उपस्थिति ली जा सकेगी। ईएसपी32 डिवाइस के जरिए ब्लूटूथ और फेस रिकग्निशन, ताकि फर्जी उपस्थिति रोकी जा सके। सभी उपस्थिति, गतिविधि और कक्षा से जुड़ा डाटा एक ही डैशबोर्ड पर शिक्षकों और एडमिन को दिखाया जा सकेगा।
यह सिस्टम रियल-टाइम काम करता है और बड़ी संख्या में यूज़र्स को संभाल भी सकता है। आर्यन ने बताया कि यह साॅफ्टवेयर विद्यार्थियों और शिक्षकों की गतिविधियों पर नजर रखेगा। क्लास के दौरान मोबाइल चलाने व बातचीत करने वाले विद्यार्थी पहचाने जाएंगे।
बीच-बीच में पोप-अप भेज कर विद्यार्थियों की सक्रियता परखी जा सकेगी। शिक्षकों और छात्रों के लिए अलग-अलग ऐप्स बनाए हैं। यह प्रोजेक्ट अभी डीटीयू में शुरुआती चरण में लागू किया जा रहा है।
साॅफ्टवेयर तैयार करने वाली टीम में शुभांक गुप्ता, रुद्रांश सिंह राठौर, आरुषि आनंद, विवान जैन व आरत चड्ढा शामिल रहे। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मैकेनिकल लर्निंग सोसायटी की ओर से तैयार किए गए साफ्टवेयर से शिक्षकों का समय बचेगा।
यह भी पढ़ें- दिल्ली में 160 झीलों को पुनर्जीवित करने के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर, प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में बड़ा कदम
इस साॅफ्टवेयर से ऑनलाइन व ऑफलाइन क्लास के दौरान शिक्षकों को पेश आने वाली समस्याएं काफी हद तक खत्म हो जाएंगी। हर क्लास में एक-एक विद्यार्थियों की हाजिरी में काफी समय लग जाता है। इस साफ्टवेयर से शिक्षकों का समय बचेगा। उपस्थिति में और सटीकता व स्पष्टता आएगी। ऑनलाइन क्लास ज्वाइन करके कई बच्चे अक्सर दूसरे कामों में लग जाते हैं। बीच-बीच में भेजे गए पोप-अप से ऐसे बच्चों को चिह्नित किया जा सकेगा। कुछ औपचारिता के बाद इसे पहले ट्रायल आधार पर शुरू किया जाएगा। इसके बाद विश्वविद्यालयों की सभी क्लास में लागू किया जा सकता है।
- प्रोफेसर दिनेश विश्वकर्मा विभागाध्यक्ष, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, डीटीयू

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।