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    दिल्ली में शराब की रिटेल दुकानों पर हुई गड़बड़ी तो रद होगा लाइसेंस, आबकारी विभाग ने जारी की एडवाइजरी

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 02:44 PM (IST)

    नरेला में मिलावटी शराब मिलने से आबकारी विभाग में तनाव है। सरकार के असली शराब बेचने के दावे पर सवाल उठ रहे हैं। विभाग का कमजोर निगरानी तंत्र एक बड़ी समस्या है, क्योंकि पड़ोसी राज्यों से सस्ती शराब की तस्करी हो रही है। विभाग ने एडवाइजरी जारी की है और छह कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। ग्राहकों से अधिक कीमत वसूलने जैसी कई शिकायतें भी मिल रही हैं।

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    वीके शुक्ला, नई दिल्ली। नरेला में शराब की दुकान पर मिली मिलावटी शराब से आबकारी विभाग के अधिकारी तनाव में हैं, इस मामले से असली शराब की बिक्री के सरकार के दावे को झटका लगा है। विभाग के सामने इस तरह के मामले रोकने की चुनौती भी बढ़ रही है।

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    बहरहाल विभाग ने ऐसे मामलों को देखते हुए एडवाइजरी जरूर जारी कर दी है, मगर एक बड़ी समस्या आबकारी विभाग का निगरानी तंत्र कमजोर होना है। जिसके कारण इस तरह के मामलों सहित कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

    गत 30 अक्टूबर को नरेला में शराब की सरकारी दुकान पर पहली बार मिलावटी शराब जरूर पकड़ी गई है, मगर यह गोलमाल काफी से चल रहा है। सूत्रों की मानें तो पड़ोसी राज्यों में शराब सस्ती होने के कारण वहां से मिलावटी शराब भी दिल्ली में आपूर्ति हो रही है।

    सूत्रों के अनुसार एक पूरा तंत्र है जो दिल्ली में अवैध शराब की आपूर्ति करता है। मगर किसी सरकारी दुकान पर यह पहला मामला पकड़ा गया है। ऐसे में और भी शराब की दुकानों पर मिलावटी शराब के मामलों से इंकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे मामले दिल्ली के दिल्ली की सीमाओं के आसपास स्थित दुकानों में भी हो सकते हैं।

    कैसे हो निगरानी, 60 स्वीकृत पदों में से 43 पड़े हैं रिक्त

    विभाग की प्रवर्तन विंग की स्थिति की बदहाली की बात करें ताे इस विंग में कुल 60 स्वीकृत पदों में से 43 खाली पड़े हैं, केवल 17 पद भरे हुए हैं। इनमें भी प्रवर्तन विंग के मुखिया के तौर पर निर्धारित एसीपी का पद रिक्त है, इतना ही नहीं जाे एक निरीक्षक का पद सृजित है, वह भी रिक्त है।

    सहायक निरीक्षक के नौ में से छह पद रिक्त हैं। जिन हवलदार और सिपाहियाें की निगरानी में सबसे अधिक जरूरत हाेती है, उनमें 20 हवलदार में से केवल छह माैजूद हैं, सिपाहियों के 29 पदों से 21 खाली पड़े हैं, और केवल आठ सिपाही ही दिल्ली भर में निगरानी के लिए मौजूद हैं।

    कुल मिलाकर 60 में से 17 पदों पर ही अधिकारी और कर्मचारी मौजूद हैं और 43 पड़े रिक्त हैं। एेसे में निगरानी के नाम पर खानापूरी हो रही है।

    आबकारी विभाग ने जारी की एडवाइजरी

    आबकारी विभाग ने मौजूदा स्टाफ के माध्यम से संदेह वाली सभी दुकानों पर निगरानी बढ़ा दी है। इसके साथ ही विभाग ने शराब बेचने वाले अपने सभी चार निगमों को परामर्श जारी किया है और स्पष्ट किया है कि शराब दुकानों पर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

    साथ ही, ग्राहकों की शिकायतों का तुरंत समाधान करना अनिवार्य होगा। आबकारी विभाग ने दुकानदारों के लिए सख्त एडवाइजरी भी जारी की है। इसमें दुकानदारों को चेताया गया है कि यदि भविष्य में शिकायतें दूर नहीं की गईं, तो संबंधित रिटेल दुकान का लाइसेंस रद किया जा सकता है।

    डीएसआईआईडीसी के छह कर्मचारी हो चुके हैं निलंबित

    नरेला में शराब मिलावट कांड मामले में दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) के अधीन संचालित एक शराब की दुकान पर कर्मचारियों को मिलावट मामले में गत 30 अक्टूबार को पकड़ा गया था। आरोप है कि कर्मचारी महंगी ब्रांड की खाली बोतलों में सस्ती शराब भरकर उसे बेचते थे।

    यह शराब दूसरे राज्याें से भी उनके पास आपूर्ति की जाती थी। इस मामले के सामने आने के बाद डीएसआइआइडीसी ने कार्रवाई करते हुए छह कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही पूरे प्रकरण की जांच तेज कर दी गई है।

    मिल रही हैं शिकायतें

    आबकारी विभाग के अनुसार उन्हें राजधानी में चल रही खुदरा दुकानों के खिलाफ लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। सबसे अधिक शिकायतें शराब की निर्धारित कीमत से ज्यादा वसूली से जुड़ी हैं।

    इसके अलावा दुकानों पर सभी ब्रांड उपलब्ध न होना, नाबालिगों को शराब बेचे जाने, कर्मचारियों के अशोभनीय व्यवहार, दुकान के बाहर खुले में शराब पीने और दुकान के आसपास झगड़े-मारपीट की घटनाओं में इजाफा जैसी शिकायतें भी सामने आई हैं।

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