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    दिल्ली में अवैध बोरवेल वालों पर होगा एक्शन; NGT ने जल बोर्ड को दिए सख्त निर्देश

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 01:54 AM (IST)

    नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को मायापुरी, नरेला और बवाना में अवैध बोरवेल संचालित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का न ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, नई दिल्लीl नरेला, बवाना सहित अन्य क्षेत्रों में संचालित हो रही अवैध रंगाई यूनिटों से जुड़े आवेदन का निपटारा करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को मायापुरी, नरेला और बवाना क्षेत्रों में कई यूनिटों में अवैध बोरवेल संचालित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

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    इस दौरान एनजीटी ने डीजेबी की रिपोर्ट को रिकार्ड पर लिया, जिसमें कहा गया कि कुछ बोरवेल पहले ही सील कर दिए गए हैं तथा शेष मामलों में कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

    एनजीटी चेयरमैन न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने निर्देश दिया कि अवैध बोरवेल से संबंधित लंबित मामलों में दो माह के भीतर अंतिम आदेश पारित किए जाएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि सील किए गए बोरवेल इस प्रकार सुरक्षित किए जाएं कि सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना उन्हें पुनः संचालित न किया जा सके।

    एनजीटी आवेदनकर्ता वरुण गुलाटी के आवेदन पर सुनवाई कर रहा था। इसमें दिल्ली के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित रंगाई व धुलाई करने वाली इकाइयों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई थी।

    आवेदन में आरोप लगाया गया था कि नरेला, बवाना, मयापुरी एवं लारेंस रोड क्षेत्रों में संचालित कई रंगाई इकाइयां बिना वैधानिक अनुमति के कार्य कर रही हैं। यह भी कहा था कि बिना उपचारित विषाक्त अपशिष्ट जल को खुले स्थानों और नालों में छोड़ा जा रहा है। इससे भूजल प्रदूषण एवं जनस्वास्थ्य को गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है।

    वहीं, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कुल 61 इकाइयों का निरीक्षण किया गया था और इनमें से 18 इकाइयाें में नियमोें का अनुपालन होता पाया गया, जबकि छह इकाइयां बंद मिलीं और एक पता अधूरा था। वहीं, 28 इकाइयां में आदेशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा था और इनके विरुद्ध पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति, कारण बताओ नोटिस एवं बंद करने की कार्रवाई प्रारंभ की गई है।