गोपनीय जांच के बाद DSP ने नाप दिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली के 40 पुलिस वाले, अपराध काबू न कर पाने की मिली सजा
उत्तर पूर्वी जिले में अपराध बढ़ने और जुआ, सट्टा जैसी अवैध गतिविधियों पर लगाम न लगाने के कारण 40 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। पुलिस उपाय ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। उत्तर पूर्वी जिले में अपराध चरम पर है। हत्या, लूट जैसी वारदात यहां पर आम है। जुआ, सट्टा, अवैध हुक्का बार व अवैध गतिविधियों का कारोबार यहां फल फूल रहा है।
इन पर पुलिस लगाम नहीं लगा पा रही है। जिला पुलिस उपायुक्त ने अपराध पर काबू न करने पर जिले के 40 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। उपायुक्त आशीष मिश्रा ने पुलिसकर्मियों की गोपनीय जांच करवाई थी। जिसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
जिले में संगठित अपराध फल फूल रहा है। जिले के पुलिसकर्मियों की बड़े गैंगस्टरों के साथ साठगांठ छिपी हुई नहीं है। इसी साल स्पेशल सेल ने जिले के एक एसआई को कुख्यात गैंगस्टर हाशिम बाबा गिरोह की मदद करने के जुर्म में गिरफ्तार किया था।
सीलमपुर में पुलिस की नाक के नीचे छेनू गिरोह का गैंगस्टर मुमताज बड़े स्तर पर सट्टा चलवा रहा था। स्पेशल स्टाफ ने इस सट्टे के अड्डे पर छापेमारी की थी। लेकिन जिस तरह से कार्रवाई की थी, स्पेशल स्टाफ ही सवालों के घेरे में घिर गया था।
जिले में जगह-जगह सट्टे व जुए के अड्डे चलने बंद नहीं हुए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि स्थानीय लोग जिले के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर रहे थे थाने के बीट अफसर व विशेष टीमों के पुलिसकर्मी इलाके में अवैध गतिविधियां करवा रहे हैं।
इसके बदले में मोटी रकम वसूल रहे हैं। कई बार अधिकारियों के नाम पर भी रकम वसूली गई। जिसके बाद पुलिसकर्मियों की गोपनीय जांच करवाई गई और 40 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया।
लोगों का आरोप है कि नीचे वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करके छोड़ दिया गया है। किसी भी थानाध्यक्ष, एसीपी, विशेष टीमों के इंचार्जों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
यह भी पढ़ें- राजधानी में संगठित अपराध व आतंकी मामलों में होगी त्वरित सुनवाई, दिल्ली में बनेंगी 16 विशेष अदालतें

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।