इंडिया गेट पर हिड़मा के पोस्टर लहराते 22 गिरफ्तार, प्रदूषण विरोधी प्रदर्शन के नाम पर नक्सलियों के समर्थन पर बवाल
दिल्ली के इंडिया गेट पर प्रदूषण विरोधी प्रदर्शन के दौरान नक्सली हिड़मा के पोस्टर लहराने के आरोप में 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना के बाद नक्सलियों के समर्थन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है, जिस पर विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक समूहों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

इंडिया गेट पर रविवार शाम वायु प्रदूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के नाम पर नक्सली माड़वी हिड़मा के पोस्टर लिए प्रदर्शनकारी। जागरण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। इंडिया गेट पर रविवार शाम वायु प्रदूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में जमकर बवाल मचा। इस दौरान हाल ही में ढेर किए गए नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा के पोस्टर लिए प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पेपर स्प्रे भी किया।इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सोमवार को मामले में एफआईआर दर्ज की और प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। दिल्ली पुलिस ने अब तक इस मामले में 22 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस मामले में कर्तव्य पथ थाना व संसद मार्ग थाने में दो केस दर्ज किए हैं।
हिड़मा के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी
प्रदर्शनकारियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने पांच प्रदर्शनकारियों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। पुलिस के मुताबिक, प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन उस समय विवादों में घिर गया, जब वहां मौजूद कुछ प्रदर्शनकारियों ने नक्सली कमांडर माड़वी हिड़मा के समर्थन में नारेबाजी शुरू कर दी।
इस पर पुलिस ने उन्हें रोका और वहां से हटाने का प्रयास किया तो प्रदर्शनकारियों के साथ मौजूद कुछ लोग पुलिस से भिड़ गए और धक्का-मुक्की करने लगे। इस बीच लोगों ने पुलिसकर्मियों पर मिर्ची स्प्रे से हमला किया।
इतना ही नहीं बैरिकेड तोड़ने के बाद वे लोग सड़कों पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद प्रदर्शनकारियों को काबू किया और कुछ को हिरासत में लिया।
इसके बाद पुलिस ने सरकारी काम में बाधा पहुंचाने सहित कई धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू की। उपायुक्त के मुताबिक, जांच के दौरान अब तक करीब 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य की भूमिका की जांच जारी है।
नारेबाजी के बाद तोड़ा बैरिकेड
उपायुक्त के अनुसार, प्रदर्शनकारी नक्सली कमांडर के समर्थन में नारेबाजी करने लगे और अचानक ही बैरिकेड तोड़कर सड़क पर बैठ गए। इस कारण एंबुलेंस सहित कई इमरजेंसी गाड़ियां फंस गईं। इसके बाद पुलिस उन्हें हटाने पहुंची तो इसमें से कुछ लोग पुलिस से उलझ गए और धक्का-मुक्की करने लगे जबकि कुछ ने मिर्ची स्प्रे का छिड़काव कर पुलिस को मौके से भागने का प्रयास किया।
उपायुक्त ने बताया कि यह पहली घटना देखने को मिली कि पुलिस पर मिर्ची स्प्रे का इस्तेमाल किया गया। घटना में कई पुलिसकर्मियों की आंखों में स्प्रे डाले जाने से उन्हें आनन-फानन में पास के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। इसमें से कांस्टेबल इशांत की आंखों में मिर्ची स्प्रे सबसे ज्यादा पड़ा है, जिससे उसकी आंखों पर ज्यादा असर पड़ा है। डीसीपी के अनुसार इन लोगों को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई थी।
सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू
पुलिस अधिकारी के अनुसार, फिलहाल पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि प्रदूषण के नाम पर जुटे प्रदर्शन में अचानक नक्सली कमांडर हिड़मा के पोस्टर कौन लेकर पहुंचा और इस दौरान नक्सलियों के समर्थन में अचानक से नारे किसने लगाए।
इसके अलावा प्रदूषण की आड़ में नक्सलियों के समर्थन में प्रदर्शन करना ही तो इनका मकसद नहीं था। इन सभी एंगल को ध्यान में रखकर पुलिस जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि अभी तक किसी संगठन का नाम सामने नहीं आया है। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को चेक रही है।
प्रदर्शनकारियों ने नहीं बताया नाम-पात
पुलिस सूत्रों के अनुसार कर्तव्य पथ थाने में पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जबकि संसद मार्ग थाने में 16 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। इसमें लड़के व लड़की दोनों शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, पुलिस द्वारा शुरुआत में लिए गए 15 प्रदर्शनकारियों में से पांच ने अपने नाम बताए।
वहीं, बाकी ने अपनी पहचान बताने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे अपनी जानकारी केवल कोर्ट के सामने ही देंगे, पुलिस को नहीं। वहीं, जिन पांच लोगों ने अपने नाम बताए उनमें विष्णु, अक्षय, समीर, आकाश और आहन नाम बताए जा रहे हैं। इन सब पर बीएनएस की धारा 223ए, 132,221, 121 ए, 126 (2), 3 (5) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

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