Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राकेश टिकैत का एलान, कहा- उपद्रव में गिरफ्तार हमारे लोगों की रिहाई होने तक नहीं होगी बातचीत

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Mon, 01 Feb 2021 08:10 AM (IST)

    भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुए उपद्रव के दौरान गिरफ्तार हमारे लोगों की रिहाई न होने तक किसी भी तरह की बातचीत नही ...और पढ़ें

    Hero Image
    प्रदर्शनकारी धरनास्थल को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं।

    गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। कृषि कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के सामने बातचीत का प्रस्ताव रखा गया है लेकिन भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता अभी भी अड़ियल रुख अख्तियार किए हुए हैं। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुए उपद्रव के दौरान गिरफ्तार हमारे लोगों की रिहाई न होने तक किसी भी तरह की बातचीत नहीं की जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कृषि कानून के विरोध में यूपी गेट समेत टीकरी व सिंघु बार्डर पर धरना जारी है। तमाम प्रयासों के बावजूद प्रदर्शनकारी धरनास्थल को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि किसान उनसे बातचीत करने के लिए सिर्फ एक कॉल दूर हैं। इस पर भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में हुए उपद्रव के दौरान के गिरफ्तार लोगों की रिहाई की जाए। उन्होंने कहा कि वे किसी भी प्रकार के दबाव में सरकार से बातचीत नहीं करेंगे। सरकार उनका प्रस्ताव मानती है तो बातचीत का रास्ता खुल जाएगा।

    प्रदर्शनकारियों की बात का सम्मान करे सरकार

    भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री की बात का सम्मान रखा जाएगा, लेकिन सरकार भी किसानों के सम्मान का ख्याल रखे। हमारे लोगों को रिहा किया जाए और दिल्ली में हुए उपद्रव की निष्पक्ष जांच की जाए।

    कृषि कानूनों का विरोध देख इन्हें वापस ले सरकार: बादल

    इधर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल शनिवार को भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत से मिलने के लिए यूपी गेट कृषि कानून विरोधी धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने चंद मिनट उनसे मुलाकात कर आंदोलन को समर्थन का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों पर देशभर में अन्नदाता विरोध में सड़कों पर हैं। इतना समय हो जाने व कई दौर की वार्ता होने के बावजूद भी सरकार अभी तक कोई हल नहीं निकाल पाई है। कृषि कानून विरोधी धरना प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए षडय़ंत्र रचा जा रहा है। इतना विरोध देखने के बाद सरकार को चाहिए कि नए कृषि कानूनों को अविलंब वापस लिया जाए। उन्होंने भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत से मिलकर कहा कि वह उनके साथ हैं। अन्नदाताओं के साथ किसी भी तरह की ज्यादती पर वह साथ खड़े हैं। इसके बाद वह वापस पंजाब के लिए रवाना हो गए।

    Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो