Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Archer Anju: व्हीलचेयर से ही तीरंदाज अंजू साध रहीं अपने लक्ष्य पर निशाना

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 30 Oct 2020 07:41 AM (IST)

    अंजू बताती हैं कि हरियाणा में आयोजित पैरा नेशनल तीरंजादी प्रतियोगिता 2019 में टीम दिल्ली के लिए दो रजत पदक अपने नाम किया। साथ ही हैदराबाद में आयोजित पैरा निशनल प्रतियोगिता 2017 दो कांस्य पदक हासिल किया है।

    Hero Image
    दिल्ली की दिव्यांग तीरंदाज अंजू की फाइल फोटो।

    नई दिल्ली [पुष्पेंद्र कुमार]। शारीरिक रूप से बेशक इंसान कमजोर हों, लेकिन हौसले बुलंद हों तो सफलता निश्चित रूप से जरूर मिलती है। इस बात को बखूबी साबित कर दिखाया है त्रिलोकपुरी 20 ब्लॉक निवासी दिव्यांग तीरंदाज अंजू ने। ये भले ही वह दिव्यांग हैं, पर इनका जज्बा अच्छे-अच्छों को हैरत में डालने वाला है। खेल के जुनून के आगे उन्होंने कभी आर्थिक चुनौतियों को सामने नहीं आने दिया। उनका लक्ष्य बस ओलंपिक में पदक हालिस करना है। जुनून ऐसा है कि कोरोना संकट में भी उनके कदम नहीं रुके। अनलॉक प्रक्रिया में छूट के बाद शारिरीक दूरी का पालन करते हुए घर के पास मैदान में तीरंदाजी का अभ्यास कर रही हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिव्यांग तीरंदाज अंजू की कहानी जिजीविषा से भरी है। परिवार में पति बॉबी व तीन बच्चे कुनाल (18), नकुल (16) व हर्ष (9) है। पति बॉबी एक निजी कंपनी में काम करते हैं और तीनों बेटे पढ़ाई कर रहे हैं। अंजू के अलावा परिवार में पति बॉबी व बेटा नकुल भी दिव्यांग है। परिवार के पालन पोषण का सारा भार पति बॉबी के कंधों पर है। कंपनी से जितना मिलता है उसी में पूरे परिवार का खर्च चल रहा है।

    अंजू ने बताया कि सुबह छह बजे से लेकर नौ बजे तक घर का कामकाज करती हैं फिर उसके बाद 10 बजे से शाम चार बजे तक यमुना स्पोर्ट्स कांप्लेकस के अर्चरी सेंटर में तीरंदाजी का अभ्यास करती हैं। भले ही अंजू कक्षा नौवीं तक ही पढ़ी हों, लेकिन तीरंदाजी के खेल में अपने नाम का लोह मनवा रही हैं। हाल ही में तीन साल पहले तीरंदाजी में हाथ आजमाया और लगन इतनी कि जल्दी ही हरियाणा में आयोजित पैरा निशनल तीरंदाजी प्रतियोगिता 2019 में रजत पदक जीतकर गरीबी को पहली पटखनी दे डाली। अंजू ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि मेरा सपना है कि भारत के लिए ओलंपिक में पदक हासिल करना। पति बॉबी व तीनों बेटे भी खुश हैं और इस कार्य में उनका पूरा सहयोग भी मिल रहा है।

    राष्ट्रीय स्तर के कई पदक पर साध चुकी है अंजू निशाना

    अंजू बताती हैं कि हरियाणा में आयोजित पैरा नेशनल तीरंजादी प्रतियोगिता 2019 में टीम दिल्ली के लिए दो रजत पदक अपने नाम किया। साथ ही हैदराबाद में आयोजित पैरा निशनल प्रतियोगिता 2017 दो कांस्य पदक हासिल किया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष ओलंपिक खेल होने थे, लेकिन कोरोना संकट के कारण खेल आयोजित नहीं हो पा रहे हैं। भविष्य में आयोजित होने जा रहे वर्ल्ड तीरंदाजी चौंपियनशिप के लिए अभी से ही अभ्यास कर रही है।

    जीवन के हर कदम पर मिला पति का साथ

    अंजू बताती है कि जीवन के हर कदम पर पति बॉबी का भर पूर साथ मिला। पति को कंपनी से सिर्फ इतना ही वेतन मिलता है कि परिवार का पालन पोषण ही चल पाता है, लेकिन जब उन्हें पता चला कि वह तीरंदाजी का अभ्यास करना चाहती हैं तो उन्होंने जैसे तैसे व्यवस्था बनाकर मेरे लिए पुराना कंपाउंड बो (धनुष) खरीदवा दिया। घर में बच्चों का भी पूरा सहयाग मिल रहा है दोनो बड़े बेटे घर का ध्यान रख लेते हैं।

    बेटी की तरह गुरु लोकेश चंद दिया साथ

    अंजू बताती हैं कि यमुना स्पोर्ट्स कांप्लेकस के तीरंदाजी सेंटर में गुरु लोकेश चंद सर दिव्यांग बच्चों से कोई फीस नहीं लेते हैं। वह निश्शुल्क ही बच्चों को तीरंदाजी का अभ्यास करवाते हैं। आज उन्हीं के द्वारा सीखाए गए मंत्र से इतना आगे बढ़ पाई हूं। अभी कोरोना वायरस के चलते कांप्लेकस बंद है, इसलिए घरके पास मैदान में सरकार के दिशा निर्देश का पालन कर तीरंदाजी का अभ्यास कर रही हूं।

     

    Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो