Delhi NCR Pollution 2020: दिल्ली-NCR में बिछी स्मॉग की चादर, बेहद खराब श्रेणी में बना हुआ है वायु प्रदूषण
Delhi NCR Pollution 2020 दिल्ली के रोहिणी में वायु गुणवत्ता स्तर 346 आरकेपुरम 329 आनंद विहार में 377 और मुंडका में 363 है। बताया जा रहा है कि दिन चढ़ने के साथ वायु प्रदूषण में और अधिक इजाफा देखने को मिलेगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खराब स्थिति में है। केंद्र सरकार की SAFAR वेबसाइट की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं की वजह से दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ा है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Delhi Pollution Control Committee data) के मुताबिक, मंगलवार सुबह दिल्ली-एनसीआर में हालात खराब ही हैं। दिल्ली के रोहिणी में वायु गुणवत्ता स्तर 346, आरकेपुरम 329, आनंद विहार में 377 और मुंडका में 363 है। बताया जा रहा है कि दिन चढ़ने के साथ वायु प्रदूषण में और अधिक इजाफा देखने को मिलेगा।
ज्यादातर इलाकों में वायु प्रदूषण से हालात खराब
स्मॉग के कारण कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में दर्ज की गई। इस वजह से सुबह व शाम सैर व घर के बाहर व्यायाम करना स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है, इसलिए सफर इंडिया ने सलाह दी है कि सुबह व शाम को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें। खासतौर पर, बुजुर्ग, बच्चे, सांस, ब्लड प्रेशर व दिल की पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोग विशेष रूप से सतर्क रहें। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का एक बड़ा कारण पराली का धुआं हैं।
सुधार के बाद भी बेहद खराब श्रेणी में ही बना रहेगा प्रदूषण
मगंलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) में थोड़ा सुधार हो सकता है, लेकिन वह बेहद खराब श्रेणी में ही बना रहेगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार 31 अक्टूबर तक एक्यूआइ बेहद खराब (एक्यूआइ 300 से अधिक) श्रेणी में ही बना रहेगा।
वहीं, मौसम विज्ञानियों की मानें तो अगले कुछ महीनों तक बारिश के बिल्कुल भी आसार नहीं हैं। ऐसे में वायु प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। कहा जा रहा है कि बारिश के चलते वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन इसके आसार कतई नहीं हैं।
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